Matrishakti Conference In Kurukshetra जीओ गीता का उद्देश्य घर-घर तक गीता पहुंचाना: ज्ञानानंद

हिन्दु परम्पराओं में मातृशक्ति को शुरू से ही दिया गया है सम्मान
जीओ गीता द्वारा आयोजित मातृशक्ति सम्मेलन में उमड़ा जनसैलाब
दीप प्रज्वलन से मंच संचालन तक की सारी बागडोर सम्भाली मातृशक्ति ने
इंडिया न्यूज, कुरुक्षेत्र।
Matrishakti Conference In Kurukshetra गीता महोत्सव के उपलक्ष में जीओ गीता तथा श्रीकृष्ण कृपा परिवार द्वारा गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के सान्निध्य में गीता ज्ञान संस्थानम में आयोजित मातृशक्ति सम्मेलन में हजारों की संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के संचालन की बागडोर पूरी तरह से मातृशक्ति के हाथ में रही। कार्यक्रम का शुभारंभ करनाल की मेयर रेणू बृज गुप्ता, रेडक्रॉस हरियाणा की वाईस चेयरमैन सुषमा गुप्ता, प्रोफेसर शुचि स्मिता, मधु शर्मा दिल्ली ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। पठानकोट निवासी शोभा परासर ने मंच संचालन की बागडोर संभाली, जबकि दिल्ली से आई प्रसिद्घ भजन गायक अलका गोयल ने श्रीकृष्ण व राधा भाव के भजन सुनाकर उपस्थित महिलाओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। पठानकोट से आई मधु शर्मा ने कार्यक्रम के अंत में स्वामी ज्ञानानंद व मातृशक्ति का आभार व्यक्त किया।

मातृ शक्ति ने लिया उत्साहपूर्वक भाग Matrishakti Conference In Kurukshetra 

इस सम्मेलन में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा गुजरात से आई करीब 5 हजार से अधिक मातृ शक्ति ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। इस कार्यक्रम में अंध विद्यालय पानीपत की नेत्रहीन बच्चियों ने गीता पाठ करके सबको मुग्ध कर दिया, वहीं वात्सल्य वाटिका की बच्चियों ने भी गीता का पाठ करके श्रोताओं को आकर्षित किया। इस अवसर पर पठानकोट निवासी ममता द्वारा तैयार की गई गीता जी के 18 अध्यायों की सीडी का विमोचन भी गीत मनीषी स्वामी ज्ञानानंद द्वारा किया गया।

हर अवतार से पहले नारी शक्ति का नाम Matrishakti Conference In Kurukshetra 

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि हिन्दु परम्परा में नारी शक्ति को शुरू से ही सम्मान दिया गया है। हर अवतार से पहले नारी शक्ति का नाम लिया जाता है। जैसे कृष्ण से पहले राधा, राम से पहले सीता, शिवजी से पहले पार्वती का सम्बोधन होता है, इस प्रकार नवरात्रों में कन्या पूजन इस बात का प्रमाण है कि सनातन परम्पराओं में नारी शक्ति को मान-सम्मान दिया गया है। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति बच्चों में गीता के प्रति भावना पैदा करे और भारतीय संस्कृति के संस्कार बच्चों में पैदा करे। कोविड के दिनों में नारी शक्ति ने सेवा भाव में कोई कसर नहीं छोड़ी नारी शक्ति हर क्षेत्र में अग्रणीय है। बच्चों को गोसेवा और गीता पाठ के संस्कार की भावना पैदा करने का काम नारी शक्ति ही कर सकती है। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि जो भी संस्था या व्यक्ति गीता के प्रति सम्पर्ण भाव से काम करेगा उसका जीओ गीता सम्मान करेगी। प्रत्येक मानव को द्वेष छोड़कर निष्ठा भाव से कार्य करना चाहिए। जीओ गीता और कृष्ण कृपा परिवार का लक्ष्य केवल मात्र गीता है। घर-घर में गीता पहुंचे यही आह्वान जीओ गीता का है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अंहकार छोड़कर सार्थक कार्य करना चाहिए तभी ठाकुर जी कृपा होती है।

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Amit Sood

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