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Kartikeya Sharma : सांसद ने हरित हाइड्रोजन के उत्पादन संबंधी अवरोध दूर करने को लेकर मांगी जानकारी 

India News (इंडिया न्यूज़), Kartikeya Sharma, चंडीगढ़ : युवा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने आज सदन में हरित हाइड्रोजन के उत्पादन संबंधी अवरोध को लेकर भी जानकारी मांगी। उन्होंने सवाल पूछा कि सरकार ने अन्य देशों द्वारा हरित हाइड्रोजन के उत्पादन में आने वाली दिक्कतों के प्रतिकूल प्रभाव का सामना करने और निम्न कार्बन भविष्य के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में अधिक समावेशी और सहयोगात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए क्या उपाय किए हैं, ऐसा नहीं है तो क्या सरकार इसको लेकर कोई योजना बना रही है।

सरकार हरित हाइड्रोजन के उत्पादन में अवरोधों के मुद्दे के समाधान और जलवायु परिवर्तन के कुप्रभावों से निपटने में सामूहिक प्रयास के महत्व पर बल देने के लिए जागरुकता बढ़ाने तथा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से समर्थन जुटाने के लिए क्या कदम उठा रही है।

विद्युत मंत्री आरके सिंह ने यह दिया जवाब

इसको लेकर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा एवं विद्युत मंत्री आरके सिंह ने लिखित जवाब में कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिनांक 4 जनवरी, 2023 को 19,744 करोड़ रुपए के परिव्यय से राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन अनुमोदित किया। मिशन के तहत अन्य के साथ-साथ विभिन्न वित्तीय एवं गैर-वित्तीय उपायों की घोषणा की गई है। इसके तहत निर्यात एवं स्वदेशी उपयोग के जरिए मांग सृजन में सुविधा प्रदान करना शामिल है। इसके अलावा इसमें स्टील, मोबिलिटी, पोत परिवहन आदि के लिए पायलट परियोजना, हरित हाइड्रोजन हब का विकास अवसंरचना विकास के लिए सहायता, विनियमन एवं मानकों की मजबूत व्यवस्था स्थापित करना, अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम, कौशल विकास कार्यक्रम और जन-जागरूकता एवं पहुंच कार्यक्रम शामिल हैं। ग्रीन हाइड्रोजन परिवर्तन के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप (साइट) कार्यक्रम 17:490 करोड़ रु. के परिव्यय से प्रमुख वित्तीय उपाय है।

कार्यक्रम के तहत इलेक्ट्रोलाइजरों के स्वदेशी निर्माण और ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में सहायता करने के लिए 2 अलग-अलग वित्तीय प्रोत्साहन शामिल हैं। सरकार ने इलेक्ट्रोलाइजरी के निर्माण और ग्रीन हाइड्रोजन के निर्माण के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। मिशन से वर्ष 2030 तक प्रति वर्ष 5 मिलियन मीट्रिक टन सीन हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता निर्माण होने की आशा है। अनुमान है कि लक्षित मात्रा में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन एवं उपयोग के जरिए प्रति वर्ष लगभग 50 मिलियन मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम किया जा सकता है।

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Amit Sood

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