India News (इंडिया न्यूज़), MP Kartikeya Sharma, चंडीगढ़ : सांसद कार्तिकेय शर्मा लगातार राष्ट्र हित और जन सरोकार से जुड़े मुद्दों को उठाते रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने सदन में आज देश पर पर्यटन में वृद्धि का मामला भी उठाया और इसको लेकर सवाल पूछा कि क्या पिछले कुछ वर्षों में पर्यटन क्षेत्र में देखी गई तेजी से वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने कौन से विशिष्ट उपाय और नीतियां लागू की हैं और इन प्रयासों ने किस तरह से इस क्षेत्र के और समग्र अर्थव्यवस्था के सम्पूर्ण विकास में योगदान दिया।
उन्होंने आगे पूछा कि क्या सरकार पर्यटकों के आगमन में वृद्धि, राजस्व सृजन और इस क्षेत्र में रोजगार सृजन संबंधी सांख्यिकीय आंकड़ों सहित अपने नवाचारों और प्रयासों के पर्यटन की वृद्धि पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन प्रस्तुत कर सकती है। साथ ही कार्तिकेय ने सवाल पूछा कि इस वृद्धि को बनाए रखने तथा भविष्य में इसमें और तेजी लाने के लिए सरकार की अतिरिक्त योजनाएं कौन-कौन सी हैं।
इसके लिखित जवाब में पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय ने पिछले कुछ वर्षों में देश में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में पर्यटन के विकास हेतु अनेक कदम उठाए हैं। पर्यटन संबंधी अवसंरचना के विकास का कार्य ‘स्वदेश दर्शन’, ‘तीर्थस्थान जीर्णोद्धार एवं आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान (प्रशाद ) संबंधी राष्ट्रीय मिशन’ और पर्यटन अवसंरचना विकास हेतु केंद्रीय एजेंसियों को सहायता योजनाओं के अंतर्गत किया जाता है।
साथ ही पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटक एवं गंतव्य केंद्रित दृष्टिकोण अपनाते हुए स्थायी और जिम्मेदार गंतव्यों के विकास के उद्देश्य से अपनी स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) का नया रूप दिया है। आतिथ्य सहित घरेलू सवर्धन एवं प्रचार (डीपीपीएच) योजना के अंतर्गत मेलों/महोत्सव तथा पर्यटन संबंधी समारोहों के आयोजन के लिए भी राज्य सरकारों/संघ राज्यक्षेत्रों को वित्तीय सहायता दी गई है।
आगे जी. किशन रेड्डी ने बताया कि नागरिकों को अपने देश की यात्रा हेतु प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से देखो अपना देश पहल की शुरुआत की गई। अन्य निश उत्पादों में निरोगता पर्यटन, कलीनरी पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन, ईको पर्यटन आदि जैसे थीमेटिक पर्यटन का संवर्धन किया जाता है, ताकि अन्य क्षेत्रों में भी पर्यटन के दायरे का विस्तार किया जा सके।
इसके अलावा ई-वीजा की पांच उप-श्रेणियों यथा ई-पर्यटक वीजा, ई-बिजनेस बीजा, ई-मेडिकल वीजा, ई-मेडिकल अटेंडेंट वीजा और ई-कॉन्फ्रेंस वीजा की सुविधा 167 देशों के नागरिकों के लिए मुहैया कराने को लेकर काम हुआ। ई-वीजा का और अधिक उदारीकरण किया गया है और बीजा शुल्क में उल्लेखनीय कटौती की गई है। साथ ही पर्यटक गंतव्य के रूप में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि करने के लिए 1,001 रुपए से 7,500 रुपए प्रति रात्रि के टैरिफ वाले होटल के कमरों पर जीएसटी को घटाकर 12% और 7.501 रुपए से अधिक के टैरिफ वाले होटल के कमरों पर जीएसटी को 18% कर दिया गया है।
पर्यटन मंत्रालय की सिफारिश पर नागर विमानन मंत्रालय द्वारा आरसीएस उड़ान योजना के अंतर्गत चिह्नित एयरलाइनों को 59 पर्यटन रूट सौंपे गए हैं जिनके लिए पर्यटन मंत्रालय वीजीएफ (व्यवहार्यता अंतराल वित्तपोषण) के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करता है। पर्यटक गंतव्यों तक हवाई कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए इनमें से 53 रूटों पर प्रचालन शुरू किया गया है।
पर्यटन मंत्रालय अखिल भारतीय अतुल्य भारत पर्यटक सुविधाप्रदाता (आईआईटीएफ) प्रमाणन कार्यक्रम नामक एक डिजिटल पहल चला रहा है जिसका लक्ष्य देशभर में सुप्रशिक्षित एवं पेशेवर व्यावसायिक पर्यटक सुविधाप्रदाताओं/गाइडों का एक समूह तैयार करने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों का सृजन करने के उद्देश्य से एक अनलाइन शिक्षण प्लेटफोर्म बनाना है। अंत में उन्होंने बताया कि बेहतर मानक सेवा मुहैया कराने के लिए श्रम शक्ति के प्रशिक्षण और उन्नयन हेतु सेवा प्रदाताओं हेतु क्षमता निर्माण योजना के तहत कार्यक्रमों का आयोजन का भी प्रावधान है।
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