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National Youth Day Shayari राष्ट्रीय युवा दिवस पर ये हैं कुछ खास शायरी

• LAST UPDATED : January 12, 2022

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
National Youth Day Shayari :
देश का भविष्य युवा पीढ़ी के के कंधों पर टिका है। युवा पीढ़ी ही देश को आगे ले जाने का काम कर रही है। जिस देश का युवा जागरूक और पढ़ा लिखा होगा वह देश खूब तरक्की करेगा और विकास करेगा। वहीं अगर देश का युवा जागरूक न हो और कमजोर हो तो देश का भविष्य अंधकार की तरफ बढ़ता जाएगा। इसलिए देश के युवा पर खास ध्यान देने की जरूरत है।

National Youth Day 2022 Wishes

इन्हीं इसलिए इन पर खास ध्यान देने की जरूरत है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हए हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। राष्ट्रीय युवा दिवस 1984 में मनाना आरंभ किया गया था।

National Youth Day 2022 Wishes

उसके बाद से ही हर साल इस राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकार व बाकी लोगों का ध्यान युवाओं का समस्याओं की ओर आकर्षित करने के लिए था। इस लेख में हम युवाओं को प्रेरित करने के लिए कुछ मशहूर शायरों की पंक्तियों को आपसे सांझा कर रहे हैं।

हम को मिटा सके ये जमाने में दम नहीं… National Youth Day Shayari

National Youth Day 2022 Wishes

  • हम को मिटा सके ये जमाने में दम नहीं, हम से जमाना खुद है जमाने से हम नहीं (जिगर मुरादाबादी)
  • हयात ले के चलो कायनात ले के चलो, चलो तो सारे जमाने को साथ ले के चलो (मखदूम मुहिउद्दीन)
  • कैसे आकाश में सूराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीअत से उछालो यारो (दुष्यंत कुमार)
  • बारे दुनिया में रहो गम-जदा या शाद रहो, ऐसा कुछ कर के चलो याँ कि बहुत याद रहो (मीर तकी मीर)
  • तू शाहीं है परवाज है काम तेरा, तिरे सामने आसमाँ और भी हैं (अल्लामा इकबाल)
  • जो तूफानों में पलते जा रहे हैं, वही दुनिया बदलते जा रहे हैं (जिगर मुरादाबादी)
  • वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमाँ, हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है (बिस्मिल अजीमाबादी)
  • जलाने वाले जलाते ही हैं चराग आखिर, ये क्या कहा कि हवा तेज है जमाने की (जमील मजहरी)
  • उसे गुमाँ है कि मेरी उड़ान कुछ कम है, मुझे यकीं है कि ये आसमान कुछ कम है (नफस अम्बालवी)
  • हार हो जाती है जब मान लिया जाता है, जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है (शकील आजमी)