इंडिया न्यूज, New Delhi: पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिद्धू को अब जेल जाना ही होगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव पिटीशन को तत्काल सुनने से इनकार कर दिया है। सिद्धू को अब कोर्ट में सरेंडर करना ही होगा, नहीं तो पंजाब पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी। लेकिन बता दें कि पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू कोर्ट में सरेंडर करने की बजाय सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। सिद्धू ने अपनी खराब तबीयत का हवाला देते हुए कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसके चलते उन्हें एक सप्ताह की मोहलत दी जाए। एक सप्ताह बाद वे सरेंडर कर देंगे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव पिटीशन को तत्काल सुनने से इनकार कर दिया
जानकारी के अनुसार 1988 में नवजोत सिंह सिद्धू का पटियाला में हुए पार्किंग विवाद में सिद्दू ने बुजुर्ग गुरनाम सिंह (65) को मुक्का मार दिया था। जिसके बाद गुरनाम की मौत हो गई थी। तभी से सेशन कोर्ट, फिर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा था। पुलिस ने नवजोत और उनके दोस्त रुपिंदर के खिलाफ इस मामले में गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था।
सबूतों के अभाव के कारण ही पहले सेशन कोर्ट ने 1999 में नवजोत सिंह सिद्धू को बरी कर दिया था। इसके बाद पीड़ित पक्ष सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा था। साल 2006 में हाईकोर्ट ने इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को 3 वर्ष कैद की सजा और एक लाख रुपए जुर्माना सुनाया था। ज्ञात रहे कि इस मामले में पहले सुप्रीमकोर्ट ने सिद्दू को मात्र 1000 रुपए ही जुर्माना लगाया था और छोड़ दिया था, लेकिन पीड़ित परिवार की दोबारा पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर कोर्ट ने आज एक वर्ष कारावास की सजा सुना दी।
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