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New Labour law अगले वर्ष लागू हो सकते हैं चारों श्रम कानून

• LAST UPDATED : December 20, 2021

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
New Labour law केंद्र सरकार अगले वित्त वर्ष में चारों श्रम कानून लागू कर सकती है। यदि ऐसा हुआ तो इसका सीधा असर आपकी टेक होम सैलरी और पीएफ स्ट्रक्चर पर पड़ेगा। आपको सैलरी पहले से कम मिलेगी और भविष्य निधि यानी पीएफ में बढ़ोतरी हो जाएगी। जानकारी के मुताबिक मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, इंडस्ट्रियल रिलेशन, बिजनेस सिक्योरिटी, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति पर चार श्रम कानूनों को अगले वित्त वर्ष तक लागू किया जा सकता है। बता दें कि केंद्र ने फरवरी 2021 में इन संहिताओं के मसौदा नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया पूरी कर ली थी, लेकिन श्रम एक समवर्ती विषय है, इसलिए केंद्र की इच्छा है कि राज्य भी इसे एक साथ ही लागू करें।

13 राज्यों ने कानूनों को लेकर मसौदा तैयार (New Labour law)

अब कम से कम 13 राज्यों ने इन कानूनों को लेकर मसौदा तैयार कर लिया है। केंद्र सरकार ने इन कानूनों के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया है और अब राज्यों को अपनी ओर से नियम बनाने हैं क्योंकि श्रम समवर्ती सूची का सब्जेक्ट है।

ये बोले थे भूपेंद्र यादव (New Labour law)

बता दें कि हाल ही में केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया था कि बिजनेस सिक्योरिटी, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति पर श्रम कानून के मसौदा नियमों को कम से कम 13 राज्य तैयार कर चुके हैं। इसके अलावा 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने मजदूरी पर श्रम कानून के मसौदा नियमों को तैयार किया है।

50% होगी बेसिक सैलरी (New Labour law)

दरअसल नए कानून के लागू होने से कर्मचारियों के बेसिक सैलरी और भविष्य निधि की गणना के तरीके में उल्लेखनीय बदलाव आएगा। नई वेतन संहिता के तहत भत्तों को 50 फीसद पर सीमित रखा जाएगा। यानि कि कर्मचारियों के कुल वेतन का 50 फीसदी मूल वेतन होगा और भविष्य निधि की गणना मूल वेतन के आधार पर की जाती है। अत: आपके ढऋ खाते में हर महीने का योगदान बढ़ जाएगा।

4 दिन काम, 3 दिन छुट्टी का प्रावधान

नए वेज कोड में छुट्टी को लेकर भी नए प्रावधान आए हैं। अब काम करने के घंटों में बदलाव होगा। दिन में 12 घंटे काम करना होगा और हफ्ते में 48 घंटे काम करना होगा। यानि 3 दिन छुट्टी रहेगी। इसका असर सैलरीड क्लास, फैक्टिरियों और मिलों में काम करने वाले मजदूरों पर पड़ेगा। हालांकि इस पर अभी संशय बरकरार है। कुछ यूनियन ने दिन में 12 घंटे काम को लेकर सवाल उठाए हैं।

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