इंडिया न्यूज, Noida Twin Tower : नोएडा का ट्विन टावर तो विस्फोटक लगाकर ध्वस्त करवा दिया गया है, लेकिन अब पीछे पर्यावरण और प्रदूषण को लेकर चिंता होने लगी है। जी हां, जैसे ही बिल्डिंग को ध्वस्त किया गया था तो चहुंओर का आभामंडल धूएं के गुब्बार से भर गया था।
जानकारी दे दें कि बिल्डिंग ध्वस्त के कारण उठे धूल के गुब्बारे5 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों के साथ बीमार लोगों व पेड़-पौधों को भी इससे होने वाले नुकसान का सामना करना पड़ना शुरू हो गया है। कई जलीय जीव, पशु-पक्षियों के साथ पेड़-पौधों पर भी ज्यादा असर नजर आने लगा।
करीब एक सप्ताह तक लगातार पानी का छिड़काव ही अब बीमारी से बचाव का विकल्प होगा। बारिश होने के बाद ही कुछ सुधार मिलेगा। वहीं लगातार देखा जा रहा है कि बिल्डिंग के आस-पास की सोसाइटियों में रहने वाले लोगों कों स्वास्थ्य संबंधी परेशानी बढ़ गई है। दमें और सांस के रोगियों के लिए तो समस्या और बढ़ गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार यहां नोएडा में बिल्डिंग के पास 24 घंटे के दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में करीब 10 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई। शनिवार शाम को जारी नोएडा का एक्यूआई स्तर 110 के साथ मॉडरेट जोन में था। रविवार शाम चार बजे यह बढ़कर 120 तक पहुंच गया था।
वायु प्रदूषण विशेषज्ञ सचिन पंवार ने कहा कि ट्विन टावर का मलबा हवा के साथ काफी दूर तक गया है। करीब पांच किलोमीटर के दायरे में इसका असर परी चौक की तरफ भी दिखा। इस क्षेत्र में पेड़-पौधों पर पानी का छिड़काव कराना होगा।
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