Omicron Update In India
इंडिया न्यूज़, चंडीगढ़
कोरोना का नए वेरिएंट ओमिक्रॉन सबसे पहले साउथ अफ्रीका से शुरू हुआ अब तक 89 देशों में फैल चुका है। ब्रिटेन में डेली नए केसों के 90 हजार तक पहुंचने के साथ ही इस नए वेरिएंट के केस भारत में भी पैर पसारने लगे हैं। देश में 2 दिसंबर को कर्नाटक में एक साथ दो लोगों में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई थी।
भारत के 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 20 दिन से भी कम समय में यानि (आज 18वें दिन) अब तक नए वेरिएंट के मामलों की संख्या 143 हो गई। देश में ओमिक्रॉन के कुछ ऐसे भी केस भी मिले हैं, जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। इससे ये चर्चा शुरू हो गई है क्या ओमिक्रॉन का कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो चुका है?।
ओमिक्रॉन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बीते दिनों कहा था कि डेल्टा की तुलना यह वेरिएंट तेजी से फैल रहा है। जहां, इसका संक्रमण ज्यादा है वहां पर डेढ़ से तीन दिनों में केस दोगुने हो रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमिक्रॉन अधिक जनसंख्या इम्यूनिटी वाले देशों में तेजी से फैल रहा है। हालांकि, उसके फैलने की गति को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हुआ है।
ओमिक्रॉन सर्वाधिक संक्रमित महाराष्ट्र, दिल्ली और राजस्थान में केस मिले हैं। महाराष्ट्र (40), दिल्ली (22), राजस्थान (17), कर्नाटक (8), तेलंगाना (8), गुजरात (5), केरल (7), उत्तर प्रदेश (2), आंध्र प्रदेश (1), चंडीगढ़ (1), तमिलनाडु ( 1) और पश्चिम बंगाल (1) केस शामिल हैं।
ओमिक्रॉन को लेकर नीति आयोग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर देश में ओमिक्रॉन का ब्रिटेन और फ्रांस जैसा आउटब्रेक हुआ तो हर दिन 13-14 लाख कोरोना केस सामने आ सकते हैं। “अगर हम ब्रिटेन में स्प्रेड के स्केल को देखें और अगर भारत में भी इसी तरह का प्रकोप होता है, तो आबादी के लिहाज से हर दिन 14 लाख कोरोना केस सामने आएंगे। फ्रांस में 65 हजार केस सामने आ रहे हैं।
नीति आयोग की इस चेतावनी से पहले आईआईटी कानपुर ने ओमिक्रॉन की वजह से देश में जनवरी 2022 में तीसरी लहर आने की आंशका जताते हुए कहा था कि ऐसा होने पर फरवरी में डेढ़ लाख डेली कोविड केस के साथ तीसरी लहर का पीक आ सकता है। अब नीति आयोग की चेतावनी में डेली कोविड केस के 14 लाख होने की आशंका देश के लिए डरावनी बात है।
भारत में ओमिक्रॉन के कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री ही नहीं है। यानी विदेश यात्रा पर न जाने वालों में भी अगर ओमिक्रॉन के केस सामने आ रहे हैं, तो ये स्थानीय स्तर पर भी कोरोना के इस नए वेरिएंट के फैलने की ओर संकेत कर रहे हैं।
देश में ओमिक्रॉन के सबसे पहले सामने आए दो मामलों में से एक 46 वर्षीय डॉक्टर था, जिसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री ही नहीं थी। ये डॉक्टर अब ठीक होकर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो चुका है। हाल ही में महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के 8 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री ही नहीं है।
इन 8 संक्रमितों में 2 लोगों ने दिल्ली और बेंगलुरु की यात्रा की थी और केवल 1 ही ऐसा था जिसे वैक्सीन नहीं लगी थी। साथ ही इन आठ में से 5 लोग एसिम्प्टमैटिक (लक्षणहीन) थे और तीन में माइल्ड लक्षण थे। हाल ही में गुजरात के मेहसाणा की एक 43 वर्षीय महिला भी ओमिक्रॉन से संक्रमित पाई गई है, जिसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है।
ओमिक्रॉन के कम्युनिटी स्प्रेड के खतरे को लेकर भारत में जीनोम सीक्वेंसिंग के कंजोर्टियम ने कहा है कि जैसे-जैसे देश में ओमिक्रॉन के और केस सामने आएंगे, तभी कम्युनिटी स्प्रेड को लेकर स्थिति साफ हो पाएगी। लेकिन अभी यह कह पाना मुश्किल है कि देश में ओमिक्रॉन का कम्युनिटी स्प्रेड हो रहा है नहीं।
इस मामले में एक्सपर्ट्सों का कहना है कि उन इलाकों में कड़ी निगरानी के साथ ही बड़े पैमाने पर टेस्टिंग करनी की जरूरत है, जहां लोग बिना ट्रैवल हिस्ट्री के ओमिक्रॉन संक्रमित पाए गए हैं। जहां कलस्टर में कोविड-19 केस सामने आ रहे हैं, उन इलाकों की भी कड़ी निगरानी की जरूरत है। हाल ही में देश में कर्नाटक और तेलंगाना जैसे कुछ राज्यों में कहीं-कहीं कलस्टर में यानी एक ही जगह बड़ी संख्या में कोरोना मामले सामने आए हैं।
भारत में ओमिक्रॉन फैलने का खतरा इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि देश की आधी से भी कम आबादी फुली वैक्सीनेटेड हैं। भारत में अब तक 60 फीसदी लोगों (84 करोड़) को कोरोना वैक्सीन की एक डोज और करीब 40 फीसदी आबादी (54 करोड़) को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी हैं। ऐसे में ओमिक्रॉन जैसे कोरोना के वैरिएंट के भारत की आबादी के उस एक बड़े हिस्से में तेजी से फैलने का खतरा है जिन्हें अभी तक वैक्सीन लगी ही नहीं है।
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