India News (इंडिया न्यूज),Online Games, तमिलनाडु : तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में मद्रास उच्च न्यायालय के सामने हलफनामा दायर क किया है कि ऑनलाइन गेमिंग की लत “परिवारों को बर्रबाद रही है।” नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी प्रकार के ऑनलाइन गेमिंग पर रोक लगाने वाले एक नए अधिनियम की आवश्यकता थी।इसलिए यह कानून लाया गया है।
ऑन लाइन गेम के खिलाफ बने एक्ट के खिलाफ दायर याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी राजा और न्यायमूर्ति डी भरत की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी।
राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को सूचित किया कि न्यायालय को नए कानून के पीछे की मंशा पर विचार करना चाहिए।
“प्राथमिक तर्क यह निजी हित बनाम सार्वजनिक हित के बारे में है। न्यायालय को इस कानून के पीछे की मंशा को देखना होगा। यह तमिलनाडु के लोगों की रक्षा के लिए आवश्यक है,” अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया।
एडवोकेट सिब्बल तमिलनाडु ऑनलाइन जुआ निषेध और ऑनलाइन गेम निषेध अधिनियम, 2022 के पक्ष में सरकार की ओर से दलीलें रख रहे थे। ।
याचिकाकर्ताओं ने अधिनियम के कार्यान्वयन पर अंतरिम रोक लगाने और किसी भी कठोर कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा की भी मांग की थी।
खंडपीठ ने, हालांकि, यह कहते हुए कोई अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार कर दिया कि ऐसा निर्णय केवल राज्य सरकार को सूचित करने के बाद ही किया जा सकता है। राज्य से अगली सुनवाई तक दलीलों का जवाब देने की उम्मीद है, जो 3 जुलाई, 2023 के लिए निर्धारित है।
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