इंडिया न्यूज़, अमृतसर (Operation Amritpal breaking update) : खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह के परिवार के सदस्य अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा स्थित अपने घर से गायब हो गए हैं। माता-पिता व पत्नी कोई घर पर मौजूद नहीं हैै। सूत्रों के अनुसार अमृतपाल की पत्नी और माता-पिता पुलिस की निगरानी में हैं लेकिन कहां हैं इस बारे में पुलिस ने जानकारी साझा नहीं की है।
अमृतपाल भी एक बार फिर पंजाब पुलिस को चकमा दे गया है। बता दें कि बुधवार दोपहर को अमृतपाल के श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंच सरेंडर करने की सूचना फैल गई थी। उसी समय अमृतपाल के माता-पिता व पत्नी को आखिरी बार उनके आसपास के लोगों ने देखा था। अमृतपाल के सरेंडर करने की सूचना के बाद सभी परिवार वाले घर से श्री अकाल तख्त साहिब के लिए निकल गए थे, उनकी अमृतपाल को देखने की इच्छा थी। इसके बाद परिवार घर नहीं लौटा।
18 मार्च के बाद से ही अमृतपाल का घर व उसके पारिवारिक सदस्य पुलिस की निगरानी में रखे गए हैं। यदि कोई घर से बाहर जाता है तो पुलिस उनका पीछा करती है। बुधवार भी जब परिवार घर से निकला तो पुलिस साथ ही निकली। पर न रात और न ही सुबह परिवार घर लौटा है। पुलिस ने इस बारे में जानकारी साझा करने से इनकार किया है। पुलिस का केवल यही कहना है कि परिवार उनकी निगरानी में व सुरक्षित है।
सरेंडर करने की खबरों के बीच पंजाब के होशियारपुर व अमृतसर व आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। समूचे सूबे में कल दिनभर अलर्ट जारी था। अमृतपाल के होशियारपुर में छिपे होने की सूचना के बाद मंगलवार देर रात वहां सर्च अभियान छेड़ा गया जो कल देर शाम तक जारी रहा लेकिन उसका पता नहीं चला। इस बीच एक वीडियो जरूर नजर आया जिसमें उसने सरकार पर जहर उगला और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से बैसाखी के मौके पर तख्त साहिब पर सरबत खालसा बुलाने की अपील की है। वीडियो में अमृतपाल पंजाब सरकार पर सिख युवाओं पर अत्याचार करने का आरोप लगाता सुनाई दे रहा है।
अमृतपाल के साथ ही उसके साथी पपलप्रीत सिंह की भी तलाश में पुलिस ने होशियारपुर शहर से लगभग दस किमी दूर मरनाइया गांव में सर्च आपरेशन चलाया। हरखोवाल गांव में भी रात ढाई बजे सर्च आपरेशन चलाया। अमृतपाल ने वीडियो में कहा कि पुलिस ने जिस प्रकार से युवाओं में भय का माहौल पैदा किया है उन्हें उस डर से निकालने के लिए जत्थेदार साहिब से गांव-गांव वहीर (मार्च) निकालने का आह्वन किया है। इसमें सभी पंथक संगठन, संप्रदाय और लोग शामिल हों। इसमें कौम के मसलों की बात करें।