India News (इंडिया न्यूज़), Operation Rahat 2015, नई दिल्ली : अफ्रीकी देश सूडान में सेना व पैरा-मिलिट्री के बीच जारी लड़ाई के बीच वहां फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए लगातार भारत सरकार का बचाव अभियान चल रहा है। केंद्र की मोदी सरकार के निर्देश पर भारतीय वायु सेना व नौसेना ने ‘आपरेशन कावेरी’ शुरू किया है और इसके तहत गुरुवार को 360 भारतीयों का पहला जत्था दिल्ली पहुंच गया।
इसी तरह वर्ष 2015 में यमन में जंग हुई थी और उस समय तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक कॉल पर यमन के प्रिंस ने वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए रोज जंग में दो घंटे की मोहलत दे दी थी। इतना ही नहीं, सऊदी में एयरपोर्ट की तरफ से भारत को दो घंटे तक के लिए रास्ता भी दिया गया। तब 5000 से ज्यादा नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया, जिनमें 4000 से ज्यादा भारतीय शामिल थे।
दरअसल 2015 में मोहम्मद बिन सलमान को यमन का क्राउन प्रिंस घोषित किया गया था और उसी साल सलमान ने यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ जंग छेड़ने का ऐलान कर दिया था। उनकी देखरेख में ही बम बरसाए जा रहे थे। युद्ध के कारण भारत के अलावा यमन में कई देशों के नागरिक फंस गए थे। भारतीय नागरिक लगातार मोदी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे थे। इसके बाद यमन से हजारों भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए मोदी सरकार ने ‘आॅपरेशन राहत’ चलाया गया था।
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तब कहा था कि यमन में सऊदी अरब लगातार बमबारी कर रहा था। जमीन पर भी जंग जारी थी। भारतीयों को वहां से निकालने के लिए कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। उन्होंने कहा था, उसी दौरान मुझे याद आया कि आॅस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में पीएम मोदी ने सऊदी किंग से मुलाकात की थी और तब मैं पीएम के पास गई और उन्हें सऊदी किंग को फोन करने को कहा।
मुझे याद था कि पीएम मोदी और सऊदी किंग के बीच अच्छी दोस्ती है। मैंने पीएम से कहा कि वह सऊदी किंग से सात दिनों के लिए जंग रोकने का अनुरोध करें, जिससे हम अपने नागरिकों को वहां से निकाल सकें। इस पर मोदी ने सऊदी किंग से फोन पर बात की। सुल्तान ने मोदी से कुछ समय मांगा। बाद में जब सऊदी किंग का फोन आया तो उन्होंने कहा कि हम सात दिन के लिए तो नहीं, लेकिन रोज दो घंटे के लिए बमबारी रोक सकते हैं और एक हफ्ते तक ऐसा कर सकते हैं।
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