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हरियाणा में 90 करोड़ रुपये का धान घोटाला, जिम्मेदारों से सूद समेत पैसा वसूलेगी सरकार

• LAST UPDATED : January 8, 2020

हरियाणा में प्रदेश सरकार ने राइस मीलों की वेरिफिकेशन कराई थी. इस घोटाले की जांच पूरी हो चुकी है और जो रिपोर्ट सामने आई है उसने बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. जांच में सामने आया है हरियाणा प्रदेश में 90 करोड़ रुपये का धान घोटाला किया गया है. इसके लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने जिम्मेवार राइस मिलर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इर घोटाले की जानकारी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दी है. पीके दास ने बताया जांच के दौरान हरियाणा की 1304 मिलों के धान स्टॉक की जांच की गई थी जिसमें से 42 हजार 590 मैट्रिक टन धान की कमी मिली है. इन सभी राइस मिलर्स को के खिलाफ सरकार को कार्रवाई के लिए लिख दिया गया है और मंजूरी मिलने के बाद इन पर कार्रवाई की जाएगी.

पीके दास का कहना है राइस मिलर से स्टॉक कमी से लेकर स्टॉक को मिल्स तक भेजने के लिए हुए खर्च को पेनल्टी के के साथ वसूला जाएगा. पीके दास ने कहा भविष्य में विभाग इस तरह के मामलों को रोकने के लिए कदम उठाने पर विचार कर रहा है.

जिसमें धान के स्टॉक को विभाग के ही वाहन में लादकर मिल मिलर्स तक पहुंचाया जाएगा. इस दौरान स्टॉक की तुलाई से लेकर सभी तरह की कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी. इसके अलावा विभाग सरकार की जरूरतों के हिसाब से महीने वार धान का स्टॉक मिल्स तक भेजने पर भी विचार कर रहा है

फिजिकल वेरीफिकेशन के दौरान सबसे ज्यादा स्टाक की कमी मुख्यमंत्री के गृह जिले करनाल में मिली है जहां पर 13163 मेट्रिक टन धान कम मिला है. इसके बाद कुरुक्षेत्र जिले का नंबर आता है जहां पर 10768 मेट्रिक टन धान कम मिला है.

अंबाला की 284 मिलों में 9403 मैट्रिक टन, फतेहाबाद की 168 मिलों में 2241 मेट्रिक टन और कैथल की 115 मिलो में 1414 टन धान की कमी मिली है. सरकार ने प्रदेश को 1314 मिलो की जांच के लिए 300 टीमें गठित की थी और इस दौरान 1207 मिलों के स्टॉक में कमी मिली है

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