डॉ. रविंद्र मलिक, India News, इंडिया न्यूज़, Punjab University, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में पिछले दिनों नैक की टीम ने रैंकिंग संबंधी दौरा किया और पीयू को नैक की टीम द्वारा ए प्लस प्लस रैंकिंग दी गई, लेकिन एक सवाल ये भी उठ रहा है कि पिछले 7 साल से लंबित पीयू फैकल्टी का एरियर कब मिलेगा। पिछले कई सालों से कई मुद्दों को लेकर पीयू लगातार चर्चा में है। पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ लगातार वित्तीय संसाधनों की कमी से जूझ रही है। देश के बेहतरीन शिक्षण संस्थानों में शुमार पीयू पीछे वीसी की विवादास्पद कार्यशैली के चलते भी चर्चा में आ गई थी।
कई मुद्दों को लेकर टीचर्स और स्टूडेंट समय-समय पर लगातार धरना देते रहे हैं। अब इसी कड़ी में पिछले कुछ समय से पंजाब यूनिवर्सिटी के टीचर्स द्वारा सातवें वेतन आयोग, जो कि 1 जनवरी 2023 को लागू किया गया था, का बकाया एरियर दिए जाने की मांग लगातार उठ रही है। इसी को लेकर चार सप्ताह पहले पंजाब यूनिवर्सिटी के टीचर्स द्वारा सात साल का एरियर नहीं मिलने के विरोध में गांधी भवन के बाहर मौन कैंडल लाइटिंग प्रोटेस्ट की शुरुआत की गई और पीयू टीचर्स गांधी भवन पर कैंडल लाइटिंग कर अपना मौन विरोध दर्ज करवा रहे हैं।
टीचर्स की डिमांड है कि केंद्र सरकार और पंजाब सरकार को अपने-अपने हिस्से की एरियर संबंधित निर्धारित राशि जारी कर देनी चाहिए। उनकी मांग पूरी न होने पर टीचर्स ने पिछले महीने 18 जुलाई को यह प्रोटेस्ट शुरू किया था। हालांकि फिलहाल तक तो केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही। टीचर्स की मांग को लेकर पीयू के अंग्रेजी विभाग की टीचर डॉ. सुधीर मेहरा और यूबीएस के डॉ. कुलविंदर ने संयुक्त रूप से कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी के टीचर्स के साथ अन्याय हो रहा है। पूरे मामले में केंद्र व पंजाब सरकार का रुख बेहद निराशाजनक और प्रताड़ित करने वाला है। हम लगातार मांग कर रहे हैं कि लंबित एरियर हमारा हक है जो हमें मिले लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हो रहा।
वहीं इस मसले पर पीयू के ही डॉ. विनोद ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सालों से बकाया एरियर हमारा हक है और तुरंत प्रभाव से हमें मिलना चाहिए। हम लगातार इस सांकेतिक प्रोटेस्ट के द्वारा अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं और मांग पूरी नहीं पूरी होने तक हमारा सांकेतिक विरोध जारी रहेगा। वहीं दूसरी तरफ यह भी बता दें कि मामला पंजाब के वित्त मंत्री के संज्ञान में आ चुका है और उनसे 3 अगस्त को मुलाक़ात कर फिर से मामले के निपटान का आग्रह किया गया है।
हिंदी विभाग के डॉ. अशोक ने कहा पंजाब यूनिवर्सिटी फैकल्टी अपनी दरख्वास्त लगातार पंजाब और केंद्र सरकार को लगातार भेज रही है लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही। आगे उन्होंने कहा कि पीयू के स्टेकहोल्डर्स के रवैये के चलते टीचिंग फैकल्टी हतोत्साहित हो रही है जो कि किसी के लिए भी सही नहीं है।
बता दें कि पीयू के टीचर्स हर रोज शाम को गांधी भवन पर इकट्ठा होते हैं और मौन कैंडल लाइटिंग करते हैं। इसके अलावा वो आगे की रणनीति पर चर्चा करते हैं। टीचर्स का प्रोटेस्ट धीरे-धीरे चर्चा में आ रहा है और मोमेंटम पकड़ रहा है। टीचर्स लगातार कह रहे हैं कि उनको अपने हक से कम कुछ नहीं चाहिए। चूंकि इस पर फैसला आप केंद्र सरकार और पंजाब सरकार को करना है, तो देखते हैं पीयू टीचर्स की सुनवाई कब होगी। मामले में यह भी सामने आ रहा है कि कुछ पुराने टीचर्स इस प्रोटेस्ट को लेकर तटस्थ रवैया अपना रहे हैं और इसके पीछे उनके अपने निहित स्वार्थ या कारण बताए जा रहे हैं।
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