इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Peasant Movement Ended गुरुवार देर सायं को किसानों ने मोर्चा फतेह का ऐलान कर दिया था। 378 दिनों के बाद किसानोें को सफलता मिली। बता दें कि किसान आंदोलन स्थगित होने के बाद अब किसानों द्वारा अब धरना स्थल से अधिकतर टेंट हटा लिए गए हैं और वापसी की तैयारियां चल रही हैं। 11 दिसंबर को किसान यहां से अपने घर जाएंगे।
एसकेएम के नेताओं का कहना है कि किसानों के आंदोलन स्थल से घर जाने से पहले हेलिकॉप्टर से फूलों की वर्षा होगी। इससे पहले किसान शुक्रवार को आंदोलन स्थल पर सफाई करेंगे। आंदोलनकारियों ने बताया कि जाने से पहले हेलिकॉप्टर से आंदोलन स्थल पर फूल बरसाए जाएंगे।
पंजाब के किसान बोहा मंडी में रुकेंगे, फिर यहां से अपने-अपने जिलों में जाएंगे। संयुक्त मोर्चा ने कहा है कि वे 11 दिसंबर को रवानगी करेंगे और 13 दिसंबर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर और जलियांवाला बाग में मत्था टेकेंगे। आंदोलन के कारण जिन लोगों को दिक्कत हुई उनसे हाथ जोड़कर माफी मांगेंगे।
1- केंद्र सरकार द्वारा कमेटी बनाई जाएगी जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि शामिल होंगे। फिलहाल अभी जिन फसलों पर MSP मिल रही है, वह जारी रहेगी। एमएसपी पर जितनी खरीद होती है, उसे भी कम नहीं किया जाएगा।
2- हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार किसानों पर दर्ज केसों को वापस लेगी। वहीं दिल्ली और अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के साथ रेलवे द्वारा दर्ज केसों को भी तत्काल वापस लिया जाएगा।
3- मुआवजे के मुद्दे पर बात की जाए तो उसको लेकर भी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में सहमति बन गई है। पंजाब सरकार की तरह यहां भी 5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। ज्ञात रहे कि किसान आंदोलन में कुल 700 से अधिक किसानों की मौत हुई है।
4- बिजली संशोधन बिल को लेकर भी बात हुई कि पहले उस पर किसानों के अलावा सभी संबंधित पक्षों से चर्चा होगी। सरकार उसे सीधे संसद में नहीं ले जाएगी।
5- प्रदूषण कानून को लेकर किसानों को सेक्शन 15 से आपत्ति थी, जिसमें किसानों को कैद नहीं, लेकिन जुर्माने का प्रावधान है। इसे भी केंद्र सरकार हटाएगी।