सीजेआई रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पीड़िता सहित उसके 11 संबन्धित लोग थे हैकिंग के निशाने पर है। दवायर के अनुसार, लीक रिकॉर्ड्स के अनुसार, जिस हफ्ते उनके सीजेआई पर लगाए गए आरोपों की खबर आई थी, उसी सप्ताह उनके पति और दो देवरों से जुड़े आठ नंबरों को भी टारगेट के तौर पर चुना गया। लीक रिकॉर्ड्स की मानें तो सूची में शामिल 11 फोन नंबर महिला और उनके परिवार से संबंधित थे।
एमनेस्टी इंटरनेशनल की तकनीकी लैब के साथ फॉरबिडेन स्टोरीज द्वारा समन्वित 16 अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों की टीम द्वारा की गई विशेष पड़ताल में पाया गया कि भारत के जिन नंबरों को संभावित हैकिंग का निशाना बनाया गया, उनमें यह सबसे बड़ा समूह है।महिला का इस सूची में होना और उन्हें चुने जाने का समय यह संकेत देते हैं कि वे उस अज्ञात भारतीय एजेंसी की दिलचस्पी के दायरे में इसलिए आईं, क्योंकि उन्होंने तत्कालीन सीजेआई पर सार्वजनिक तौर पर गंभीर आरोप लगाए थे। महिला से जुड़े किसी भी फोन का फॉरेंसिक परीक्षण नहीं करवा सका, लेकिन उनसे जुड़े 11 नंबरों का संभावित हैकिंग की सूची में होना प्राइवेसी, लैंगिक न्याय और न्यायिक प्रक्रिया की ईमानदारी पर सवाल खड़े करता है।
क्या था मामला
हलफनामे में शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि जस्टिस गोगोई ने कथित तौर पर कुछ एहसानों के बदले उनके साथ शारीरिक तौर पर अंतरंग होने का प्रयास किया था। महिला का यह भी दावा था कि इससे इनकार करने के कुछ ही हफ्तों में उन्हें तीन बार स्थानांतरित किया गया, कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही का सामना करना पड़ा और आखिरकार उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
उनके एक देवर, जिन्हें सीजेआई के विवेकाधीन कोटे से कोर्ट में नियुक्त किया गया था, को भी बिना किसी स्पष्टीकरण के काम से हटा दिया गया। अपने हलफनामे में महिला ने दावा किया कि इस प्रकरण के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस कार्यरत उनके पति और पति के एक भाई को कथित रूप से झूठे आरोपों में विभागीय जांच का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।