India News (इंडिया न्यूज़), PM Modi in FIPIC Summit, पोर्ट मोरेस्बी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को प्रशांत क्षेत्र के 14 द्वीपीय देशों के नेताओं से कहा कि भारत ‘बेझिझक’ अपनी क्षमताओं को उनके साथ साझा करने के लिए तैयार है। उन्होंने इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा, साइबर स्पेस और लघु एवं मध्यम उद्यमों जैसे क्षेत्रों में कई विकास पहल की घोषणा की। मोदी ने हिंद प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) शिखर सम्मेलन में अपने समापन भाषण के दौरान ये घोषणाएं कीं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी कुछ साझा प्राथमिकताएं हैं और प्रशांत द्वीपीय देशों की कुछ आवश्यकताएं हैं। इस मंच पर हमारा प्रयास है कि हमारी साझेदारी इन दोनों पहलुओं को ध्यान में रखते हुए चले। एफआईपीआईसी में हमारे सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए मैं कुछ घोषणाएं करना चाहता हूं।’’
उन्होंने कहा कि प्रशांत क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल को मजबूती प्रदान करने के लिए हमने फिजी में एक सुपर-स्पेशियलिटी कार्डियोलॉजी अस्पताल बनाने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित कर्मी, अत्याधुनिक सुविधाओं और अवसंरचना से युक्त यह अस्पताल पूरे क्षेत्र के लिए एक ‘लाइफ लाइन’ बनेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस मेगा ग्रीन-फील्ड परियोजना का पूरा खर्च उठाएगी।
मोदी ने कहा कि भारत प्रशांत क्षेत्र के सभी 14 देशों में डायलिसिस यूनिट लगाने में मदद करेगा और इन देशों को ‘सी-एम्बुलेंस’ सेवा प्रदान की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में जन औषधि योजना द्वारा किफायती दामों पर अच्छी गुणवत्ता की 1800 जेनेरिक दवाइयां लोगों को दी जा रही हैं और इसी तरह के जन औषधि केन्द्र प्रशांत क्षेत्र के द्वीपीय देशों में खोले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्रों में मधुमेह की दवा बाजार की कीमत के मुकाबले 90 प्रतिशत तक कम कीमत और बाकी सभी दवाएं 60 से 90 प्रतिशत तक कम कीमत पर मिलती हैं। मोदी ने मधुमेह को दूर करने में योग के महत्व को रेखांकित करते हुए इन देशों में योग केंद्र खोले जाने का भी प्रस्ताव किया। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि पापुआ न्यू गिनी में ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फोर आईटी’ को उन्नत किया जाएगा और उसे क्षेत्रीय सूचना तथा प्रौद्योगिकी के साथ ही साइबर सुरक्षा केंद्र में रूप में तैयार किया जाएगा।
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