इंडिया न्यूज़, मैसूर (PM Modi in Karnataka) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कर्नाटक के मैसूर स्थित बांदीपुर टाइगर रिजर्व के 50 साल पूरे होने पर यहां इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस (आईबीसीए) का शुभारंभ किया। एक अप्रैल को इस प्रोजेक्ट के 50 साल पूरे हो गए हैं। आईबीसीए के तहत बाघों, शेर, तेंदुए, हिम तेंदुए, जैगुआर, चीता, प्यूमा के संरक्षण पर फोकस किया जाएगा। पीएम ने बाघों का नया आंकड़ा भी जारी किया है। इस नए आंकड़े के अनुसार, 2022 में देश में बाघों की संख्या बढ़कर 3167 हो गई है। पहले यह आंकड़ा 2967 का था। इस तरह देश में बाघों की संख्या में 200 की बढोतरी हुई है। पीएम ने इस मौके पर एक स्मारक सिक्का भी जारी किया।
प्रोजेक्ट टाइगर के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट टाइगर बड़ी बिल्लियों की सुरक्षा और संरक्षण का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा, प्रकृति की रक्षा करना भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता न केवल भारत के बल्कि पूरे विश्व के लिए गर्व की बात है। भारत ने आजादी के 75 साल पूरे कर लिए हैं और दुनिया की बाघों की आबादी का 75 फीसदी हिस्सा भारत में है।
पीएम मोदी ने कहा, दशकों पहले भारत से चीते विलुप्त हो गए थे और नामीबिया और दक्षिण अफ्रिका से हम शानदार चीतों को भारत आए। उन्होंने कहा, कुछ दिन पहले ही कूनो नेशनल पार्क में 4 सुंदर शावकों ने जन्म लिया है और यह बिग कैट का पहला सफल ट्रांस-कॉन्टिनेंटल ट्रांसलेशन है। लगभग 30,000 हाथियों के साथ, हम दुनिया में सबसे बड़े एशियाई हाथियों की श्रेणी वाले देश हैं।
पीएम मोदी ने कहा जिस एलिफेंट व्हिस्पर्स डॉक्यूमेंट्री को आॅस्कर मिला है, वह भी नेचर व क्रिएचर के बीच के अद्भुत संबंधों की हमारी विरासत को दर्शाता है। उन्होंने कहा, मेरा आग्रह है कि आप हमारे आदिवासी समाज के जीवन व परंपरा से अपने देश और समाज के लिए कुछ न कुछ लेकर जाएं।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि देश में बाघों के संरक्षण की शुरुआत 1973 में नौ टाइगर रिजर्व क्षेत्रों के साथ हुई थी और आज 53 टाइगर रिजर्व हो गए हैं। इनमें से 23 टाइगर रिजर्व को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली हुई है। बता दें कि साल 1973 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की थी। एक अप्रैल को इस प्रोजेक्ट के 50 साल पूरे हो गए हैं। कइउअ के तहत बाघों, शेर, तेंदुए, हिम तेंदुए, जैगुआर, चीता, प्यूमा के संरक्षण पर फोकस किया जाएगा।