केंद्र व राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होने को भाजपा ‘डबल इंजन’ की सरकार कहती है। हाल के वर्षों में विधानसभा चुनावों में पार्टी ने इसे एक बड़ा मुद्दा बनाया है। मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे जनता को समझाएं कि स्थिर सरकार होने के फायदे होते हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘डबल इंजन सरकार का सीधा और साधारण मतलब है कि विकास की रफ्तार डबल। बीते नौ वर्षों का यही अनुभव रहा है। जहां-जहां भाजपा की डबल इंजन की सरकार है, वहां-वहां गरीब कल्याण की योजनाएं तेजी से जमीन पर उतरी हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है, वहां वह (सत्ताधारी दल) कोशिश करते हैं कि केंद्र सरकार की कोई भी योजना सफल न हो, जबकि कुछ राज्य तो योजना से जुड़ते ही नहीं हैं और कुछ राज्य ऐसे हैं जो योजना का नाम तक बदल देते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर यहां ऐसी सरकार आएगी जो बात-बात पर केंद्र सरकार से लड़ती रहेगी, योजनाओं को रोकती रहेगी… अवसंरचना से जुड़ी सारी परियोजनाओं को अटकाती रहेगी… हम सड़कें बनाना चाहेंगे तो जमीन का काम ही धीरे-धीरे करेंगे… तो कैसे निवेश आएगा? निवेश नहीं आएगा तो कर्नाटक में नए रोजगार कैसे सृजित हो पाएंगे? यानी डबल इंजन की सरकार के ना रहने पर जनता पर डबल मार पड़ती है।’’.
प्रधानमंत्री ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि अगर ट्रैक्टर के एक पहिये की जगह उसमें मारुति कार का पहिया लगा दें तो वह क्या किसी के काम आएगा? उन्होंने कहा, ‘‘क्या वह खुद ही अपनी बर्बादी करेगा कि नहीं करेगा?’’.
प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे पहली बार के मतदाताओं से जरूर मिलें और उन्हें भाजपा को वोट देने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा, ‘‘लंबे अरसे से कर्नाटक में भाजपा का बड़ा जनाधार रहा है। आप पूर्ण बहुमत की स्थिर भाजपा सरकार के लिए वोट मांगेंगे तो जनता जरूर आशीर्वाद देगी।’’ कर्नाटक में 10 मई को मतदान होना है और मतगणना 13 मई को होनी है।
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