इंडिया न्यूज, Madhya Pradesh (Project Cheetah) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में आठ चीतों को छोड़ा है। पीएम ने बाड़े नंबर एक से दो चीतों को और उसके बाद करीब 70 मीटर दूर दूसरे बाड़े से एक और चीते को छोड़ा।
ज्ञात रहे कि 1952 में चीतों को भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था, लेकिन आज प्रोजेक्ट चीता के हिस्से के रूप में अफ्रीका के नामीबिया से 8 चीते (5 मादा और 3 नर) लाए गए और देश के वन्य जीवन और आवास को पुनर्जीवित करने और विविधता लाने के सरकार के विशेष प्रयास हैं।
आठ चीतों को एक अंतरमहाद्वीपीय चीता स्थानान्तरण परियोजना के हिस्से के रूप में ग्वालियर में एक मालवाहक विमान में लाया गया था। बाद में भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टरों ने चीतों को ग्वालियर वायु सेना स्टेशन से कुनो राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंचाया। सैटेलाइट के जरिए निगरानी के लिए सभी चीतों में रेडियो कॉलर लगाए गए हैं। इसके अलावा, प्रत्येक चीते के पीछे एक समर्पित निगरानी टीम होती है जो 24 घंटे उनके स्थान की निगरानी करेगी।
चीतों को इस साल की शुरुआत में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के तहत लाया गया है। चीता भारत में खुले जंगल और घास के मैदान के पारिस्थितिक तंत्र की बहाली में मदद करेगा और जैव विविधता के संरक्षण और जल सुरक्षा, कार्बन पृथक्करण और मिट्टी की नमी संरक्षण जैसी पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाने में मदद करेगा।
इससे पहले प्रोजेक्ट चीता के प्रमुख एसपी यादव ने कहा कि चीता को सबसे तेज जानवर कहा जाता है। यह 100-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ता है। कुनो में जो आवास चुना गया है, वह बेहद खूबसूरत और आदर्श है। घास के मैदान, छोटी पहाड़ियां और जंगल और यह चीतों के लिए बहुत उपयुक्त है। कुनो राष्ट्रीय उद्यान में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अवैध शिकार गतिविधियों को रोकने के लिए व्यवस्था की गई है।
आपको जानकारी दे दें कि पार्क में छोड़ने से पहले ग्वालियर में वेटरनरी डॉक्टर एना बस्टो की देखरेख में चीतों का रुटीन का चेकअप किया गया है।
चीतों को लकड़ी के खास तरह के पिंजरों में लाया गया है। पिंजरों को ट्रॉली के जरिए चिनूक हेलिकॉप्टर में शिफ्ट किया गया।
जहां देश को आज 8 चीते मिले हैं वहीं आज प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन भी है जिस कारण आज का दिन और भी विशेष बन गया है। कूनो पार्क में आज के इस खास अवसर पर स्कूल के बच्चों को भी आमंत्रित किया गया है। इन बच्चों के साथ ही पीएम अपना जन्मदिन मनाएंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ग्वालियर में 8 चीते आने से अब यहां पर्यटन के अवसर भी तेजी के साथ बढ़ेंगे। लोगों में इन चीतों को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है। देश में चीते विलुप्त हो गए थे और इन्हें फिर से बसाना ऐतिहासिक कदम है।
भारत में चीतों का पुनर्व्यवस्थापन (री-अरेंजमेंट) तब माना जाएगा, जब यहां चीतों की संख्या 500 हो जाएगी। इस टारगेट को पूरा करने के लिए साउथ अफ्रीका और नामीबिया से हर साल 8 से 12 चीते भारत भेजे जाएंगे।
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