इंडिया न्यूज, Tokyo: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार सुबह यहां जापान की राजधानी टोक्यो पहुंचे। इस दौरान उन्होंने प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया और कहा कि साथियों मेरा जो लालन-पालन हुआ है, जो संस्कार मुझे मिले हैं और जिन-जिन लोगों ने मुझे गढ़ा है, उसके कारण मेरी भी एक आदत बन गई है। मुझे मक्खन पर लकीर खींचने में मजा नहीं आता बल्कि मैं तो पत्थर पर लकीर खींचता हूं। आज भारत अपने खोए विश्वास को फिर हासिल कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा- जापान कमल के फूल की तरह अपनी जड़ों से जुड़ा है और काफी खूबसूरत नजर आता है। भारत और जापान की जोड़ी भी काफी खूबसूतरत है। दोनों नैचुरल पार्टनर हैं। हमारी मां सरस्वती हैं तो जापान में बेंजायतिन है।
पूरे विश्व में जो डिजिटल ट्रांजेक्शन होता है, उसमें से 40% केवल भारत में होता है। इस पर गर्व होता है। भारत के गांवों में रहने वालों की डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ने बहुत मदद की है। इसका एक कारण डिजिटल रिवोल्यूशन है। वहीं मोदी ने कहा कि आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इसके 100वें वर्ष तक हमें भारत को कहां तक पहुंचाना है इसी का रोड मैप हम तैयार कर रहे हैं।
मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में भी भारत-जापान के सांस्कृतिक संबंध हम बढ़ा रहे हैं। आज की दुनिया को भगवान बुद्ध के बताए रास्ते पर चलने की ज्यादा जरूरत है क्योंकि आतंकवाद, हिंसा या क्लाइमेट चेंज से निपटने का यही रास्ता है।
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