एसवाईएल मुददा भले ही गर्म हो लेकिन जल संसाधन मंत्री रतनलाल कटारिया इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है जबकि इस मामले में शिक्षा मंत्री पंजाब सरकार द्वारा फैसला न मानने को लेकर सख्त नजर आ रहे है और उन्होंने साफ कर दिया कि पंजाब कोर्ट का फैसला कैसे नहीं मानेगा और पंजाब कैसे हरियाणा के हिस्से का पानी उन्हें नही लेने देगा, पंजाब सरकार को तो इस मामले की कल्पना भी नही करनी चाहिए.
एसवाईएल का मुददा लंबे समय से चल रहा है लेकिन आज तक हल कोई भी नही निकला हालाकि हरियाणा ने अपने हिस्सा का पानी लेने के लिए इस पर काफी राजनीति भी की यहां तक कि इनेलों कार्यकर्ता तो नहर को खोदने के लिए ही चल पड़ें थे क्योंकि कोर्ट ने यह फैसला हरियाणा के हक में किया था लेकिन अब जो बयान पंजाब सरकार की तरफ से आया है उससे दुबारा यह मुददा गर्मा गया है हालांकि इस मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ये तो साफ कह रहे है कि उनके पास यह मंत्रालय तो है लेकिन वह इस पर कुछ भी नही बोलंगे. रतनलाल कटारिया भले ही भाग रहे हों लेकिन हरियाणा के शिक्षा मंत्री इस पर पूरा स्टैंड ले रहे हैं और उन्होंने साफ कर दिया कि पंजाब को हरियाणा के हिस्से का पानी देना ही होगा. पंजाब को तो इस मामले की कल्पना भी नही करनी चाहिए जबकि दोनों पार्टियों ने ही इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अब जब कोर्ट ने यह फैसला हरियाणा के हक में सुनाया है तो पंजाब इससे कैसे भाग सकता है और बयान चाहे कुछ भी हो लेकिन हरियाणा इस मामले में पीछे नही है और अपने हक का पानी लेकर ही रहेगा.