इंडिया न्यूज, New Delhi (President Oath) : 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव हुआ था और आज उसकी मतगणना जारी है। आज सभी को मालूम हो जाएगा कि भारत के अगले प्रधानमंत्री कौन होंगे। माना जा रहा है कि द्रौपदी मुर्मू की जीत की ज्यादा संभावना है। देश को पहली बार एक आदिवासी राष्ट्रपति मिल सकता है।
मतगणना के बाद 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति द्वारा शपथ ली जाएगी जिसको लेकर सभी तैयारिया शुरू हो चुकी हैं। देश के मुख्य न्यायाधीश शपथ ही नए राष्ट्रपति को शपथ दिलाएंगे। वहीं आपको जानकारी दे दें कि अगर किसी कारण से चीफ जस्टिस उपस्थित नहीं हो पाते तो सुप्रीमकोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के सामने राष्ट्रपति शपथ लेते हैं।
देश में 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र लागू हुआ। उसी दिन भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद बने। तब तक देश में लोकसभा चुनाव नहीं हुए थे। 1951-52 में पहली बार लोकसभा और राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। तदोपरांत राष्ट्रपति चुनाव हुए। बता दें कि डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद 13 मई, 1952 को जीतकर फिर से इस पद पर पहुंचे।
1957 में लगातार दूसरी बार जीतकर डॉक्टर प्रसाद राष्ट्रपति बने। डॉक्टर प्रसाद 12 साल तक इस पद पर रहे। 13 मई, 1962 को उनका कार्यकाल पूरा हुआ और वहीं दूसरे प्रधानमंत्री डॉक्टर राधाकृष्णन बनेजिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया।
वहीं अगर तीसरे राष्ट्रपति की बात की जाए तो 5 वर्ष बाद 13 मई, 1967 को डॉक्टर जाकिर हुसैन तीसरे राष्ट्रपति के रूप में चयनित हुए। 3 मई 1969 को उनके निधन के बाद उप-राष्ट्रपति वीवी गिरि कार्यवाहक राष्ट्रपति बने। गिरि के बाद 24 अगस्त 1974 को फखरुद्दीन अली अहमद नए राष्ट्रपति बने। 11 फरवरी 1977 निधन हो जाने के बाद उप-राष्ट्रपति बीडी जत्ती कार्यवाहक राष्ट्रपति बने।
25 जुलाई 1977 को नीलम संजीव रेड्डी देश के नए राष्ट्रपति बने। तब से लेकर अब तक हर राष्ट्रपति ने अपना कार्यकाल पूरा किया है। इसी वजह से 25 जुलाई को ही नए राष्ट्रपति शपथ लेते हैं। तब से अब तक 9 राष्ट्रपति 25 जुलाई को आयोजित समारोह में शपथ ले चुके हैं।
बता दें कि 25 जुलाई को जब शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होता है तब समारोह में भारत के मुख्य न्यायाधीश के अलावा उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा के अध्यक्ष, राज्यसभा के उप सभापति और केंद्रीय मंत्री समेत अन्य अनेक हस्तियां भी शामिल होंगी।
मैं (नाम) ईश्वर की शपथ लेता/लेती हूं कि मैं श्रद्धापूर्वक भारत के राष्ट्रपति के पद का कार्यपालन करूंगा/करूंगी तथा अपनी पूरी योग्यता से संविधान और विधि का परिरक्षण, संरक्षण और प्रतिरक्षण करूंगा/करूंगी। मैं भारत की जनता की सेवा और कल्याण में निरत रहूंगा/रहूंगी।”
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