India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan Congress,राजस्थान : राजस्थान में कांग्रेस पायलट-गहलौत विवाद से बाहर नहीं आ पाई है कि एक अदालत ने राजस्थान कांग्रेस प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं। कोर्ट के इस आदेश से राजस्थान कांग्रेस कमेटी के प्रभारी और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की मुश्किलें बढ़ गईं हैं।
सोमवार को कोटा की एक अदालत ने पुलिस को रंधावा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। इसी साल मार्च महीने में महावीर नगर थाने में रंधावा के खिलाफ शिकायत दी थी गई थी, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया था। फिर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में कांग्रेस प्रभारी के खिलाफ इस्तेगासा पेश किया था। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सोमवार को महावीर नगर थाना पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए।
13 मार्च को सुखजिंदर रंधावा ने राजभवन घेराव के बाद विवादित भाषण दिया। उन्होंने देश को बचाने के लिए मोदी को खत्म करने की बात कही। उन्होंने कहा था, ‘अपनी लड़ाई खत्म करो, मोदी को खत्म करने की बात करो। अगर मोदी खत्म हो गया तो हिन्दुस्तान बच जाएगा। अगर मोदी रहा तो हिन्दुस्तान खत्म हो जाएगा।’ हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि वह राजनीतिक रूप से खत्म करने की बात कर रहे थे। रंधावा के भाषण के बाद विधायक मदन दिलावर ने कार्यकर्ताओं और भाजपा नेताओं के साथ महावीर नगर थाने पहुंचे और शिकायत दी थी।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद विधायक दिलावर ने थाना परिसर में ही धरना दिया था। बाद में इस्तागासा पेश होने पर 10 मई को कोर्ट ने एसपी शरद चौधरी से रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट में पेश हुई रिपोर्ट में बताया था कि कि प्रदेश प्रभारी रंधावा ने जयपुर में भाषण दिया था इसलिए कोटा में मुकदमा दर्ज नहीं हो सकता।
कोर्ट ने दोनो पक्षों की बहस सुनने के बाद कहा जो भाषण जयपुर में दिया गया था, उसका प्रभाव कोटा के साथ साथ पूरे देश में भी हुआ है। शिकायतकर्ता के वकील एडवोकेट मनोज पुरी ने कहा कि रंधावा द्वारा भीड़ के बीच देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ हेट स्पीच दी गई। पीएम मोदी के विरुद्ध भड़काने उनकी हत्या करने के लिए प्रेरित करने, राष्ट्र की एकता और अखंडता को भंग करने और लोगों के बीच घृणा व हिंसा भड़काने का प्रयास किया है। जो भारतीय दंड संहिता की धारा 153 बी, 124 ए, 295 ए, 504, 506, 511 आईपीसी के तहत दंडनीय अपराध है। इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को शिकायतकर्ता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।
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