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Ram Lalla Pran Pratishtha Anushthan Day 6 : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अब कुछ घंटे शेष, आज होगा मध्याधिवास और शय्याधिवास अनुष्ठान

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : January 21, 2024

India News, (इंडिया न्यूज), Ram Lalla Pran Pratishtha Anushthan Day 6, अयोध्या : अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में अब कुछ ही घंटे शेष बचे हैं। ऐसे में अयोध्या श्री राम मंदिर में विधि-विधान से सभी अनुष्ठानों को पूरा किया जा रहा है। पूरी अयोध्या नगरी को लाइटों और रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है। काशी के विद्वान ज्योतिषाचार्य द्वारा बताए गए शुभ मुहूर्त के अनुसार, 22 जनवरी के दिन प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुख्य अनुष्ठान 84 सेकंड में ही पूरा किया जाएगा। आज रामलला के विग्रह के 2 अंतिम अधिवास अनुष्ठान किए जाने हैं। आज मध्याधिवास और संध्या काल में शय्याधिवास अनुष्ठान को किया जाएगा।

जानें क्या है मध्याधिवास-शय्याधिवास का महत्व?

अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान के छठे दिन मध्याधिवास और शय्याधिवास अनुष्ठान किया जाएगा। मध्याधिवास अनुष्ठान में श्रीराम की प्रतिमा की शहद से पूजा की जाएगी और शय्याधिवास अनुष्ठान में रामलला को सुंदर शैया पर सुलाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं को माने तो प्राण प्रतिष्ठा से पहले यह सभी अधिवास अनुष्ठान करने से देव प्रतिमा को दैवीय शक्ति को समाहित करने की अथाह शक्ति मिलती है।

प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दिन इन चीजों पर बैन

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन आने वाले मेहमान अपने साथ कोई भी मोबाइल, पर्स और गैजेट्स वगैरह नहीं ले जा सकेंगे। जी हां इस बारे में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निर्णय लिया है और मेहमानों को इन नियमों का पालन करना होगा। ट्रस्ट के अनुसार सभी अतिथियों को सुबह 11 बजे से पहले समारोह स्थल पर प्रवेश करना होगा।

इन पर भी प्रतिबंध

किसी भी विशिष्टजन और धर्माचार्य के साथ सुरक्षाकर्मी या फिर उनके शिष्य व सेवक अंदर प्रवेश नहीं कर पाएंगे। साथ ही ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रवेश करने वाले महानुभावों को नियमों के आधार पर ही प्रवेश दिया जाएगा। इसके अनुसार राम मंदिर में प्रवेश के दौरान कोई भी अतिथि मोबाइल और पर्स नहीं ले जा सकेगा। गैजेट्स को ले जाने की भी इजाजत नहीं होगी। इसमें ईयर फोन और रिमोट वाली चाबी शामिल है।

वहीं ये भी बता दें कि देशभर से समारोह में बड़ी संख्या में आने वाले संतों व धर्माचार्यों को भी अपने साथ पारंपरिक रूप से छत्र, चंवर, ठाकुर जी, सिंहासन और गुरु पादुका ले जाने की इजाजत नहीं मिलेगी। ट्रस्ट की ओर से 7000 से अधिक मेहमानों को समारोह का निमंत्रण दिया गया है। विपक्ष के कुछ लोगों को राम मंदिर के शुभारंभ पर बीजेपी व पीएम मोदी को मिल रही लोकप्रियता रास नहीं आ रही। ये लोग अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में जो राम मंदिर बन रहा है, वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बन रहा है। भाजपा के पास राम मंदिर का कोई पट्टा नहीं है।

पीएम के जाने के बाद ही दर्शन कर सकेंगे मेहमान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यजमान के रूप में प्राण प्रतिष्ठा की सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद परिसर से चले जाने पर ही आगंतुक मेहमानों को रामलला के दर्शन मिलेंगे। भारतीय परंपरा के अनुसार वस्त्र धारण कर आने को प्राथमिकता देने की भी अपेक्षा की गई है। हालांकि, ट्रस्ट की ओर से कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है।

उधर विपक्ष के कुछ लोगों को राम मंदिर के शुभारंभ पर बीजेपी व पीएम मोदी को मिल रही लोकप्रियता रास नहीं आ रही है। ये लोग अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में जो राम मंदिर बन रहा है, वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बन रहा है। भाजपा के पास राम मंदिर का कोई पट्टा नहीं है।

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