India News Haryana (इंडिया न्यूज), Ratan Tata funeral : दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का पार्थिव शरीर, जिनका 9 अक्टूबर को रात निधन हो गया था, गुरुवार शाम को शहर के नरीमन पॉइंट स्थित एनसीपीए के लॉन से मुंबई के वर्ली श्मशान घाट ले जाया गया, जहां उनके अंतिम दर्शनों को लेकर लोगों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। एनसीपीए लॉन में बड़ी संख्या में लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
वहीं आपकाे बता दें कि अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह और पीयूष गोयल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस श्मशान घाट पहुंचे।
रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश ने न केवल एक “दिग्गज” को खो दिया है, बल्कि एक सच्चे राष्ट्रवादी, धरती पुत्र को भी खो दिया है, जो भारत की कहानी में विश्वास करते थे। अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान एक घटना को याद किया।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने फिर कहा कि “यह देश के लिए सबसे दुखद दिनों में से एक है। हमने एक महान व्यक्ति, एक सच्चे राष्ट्रवादी, धरती के सपूत को खो दिया, जो भारत की कहानी में विश्वास करते थे। वे अपने काम के प्रति जुनूनी, अपनी जीवनशैली में सरल, अपने मूल्यों में समृद्ध और विनम्र स्वभाव के व्यक्तित्व वाले इंसान थे। व्यापार जगत में, उन्होंने एक ऐसी विरासत छोड़ी है, जिसे किसी के लिए भी कई जन्मों में हरा पाना बहुत मुश्किल होगा।
Ratan Tata Quotes on Success : रतन टाटा की वो बातें… जो आपके जीवन को दे सकती हैं नई दिशा
गोयल ने कहा। रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने के लिए ओडिशा के पुरी में समुद्र तट पर रेत की कलाकृति बनाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर लगभग हर राज्य के मुख्यमंत्रियों सहित नेताओं ने श्रद्धांजलि दी है।
गुजरात सरकार ने आज रतन टाटा के सम्मान में एक दिन का शोक घोषित किया है। राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और आज सरकार का कोई सांस्कृतिक या मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। वहीं महाराष्ट्र सरकार ने भी एक दिन का शोक घोषित किया है।
मालूम रहे कि टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार रात शहर के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में जन्मे रतन टाटा भारत में निजी क्षेत्र द्वारा प्रवर्तित दो सबसे बड़े परोपकारी ट्रस्टों रतन टाटा ट्रस्ट और दोराबजी टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष थे। वे 1991 से 2012 में अपनी सेवानिवृत्ति तक टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष रहे। उसके बाद उन्हें टाटा संस का मानद अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्हें 2008 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।