इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली (RBI statement on Repo Rate): आरबीआई ने आज महंगाई के मोर्चे पर राहत भरी खबर दी है। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने वित्त वर्ष 2024 की पहली मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान किया, जिसमें गवर्नर ने रेपो रेट (Repo rate) में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है।
रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोर महंगाई दर अभी भी ऊपरी स्तर पर बनी हुई है। हालांकि, FY24 में महंगाई में कमी का अनुमान है। उन्होंने FY24 में 6.5% GDP ग्रोथ का अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि Q4 में निजी खपत में धीमापन देखा गया है। बेहतर रबी फसल से ग्रामीण मांग में सुधार की उम्मीद है. MPC के 6 में से 5 सदस्य अकोमोडेटिव रुख वापस लेने के पक्ष में थे।
इससे पहले, आरबीआई ने रेपो रेट में लगातार 6 बार इजाफा किया था। केंद्रीय बैंक ने मई 2022 से रेपो रेट को बढ़ाना शुरू किया था. तब से पिछली पॉलिसी तक ब्याज दरें 250 बेसिस प्वाइंट बढ़ चुकी हैं. हाल ही मे फेडरल रिजर्व, यूरोपियन सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ इंग्लैंड समेत दुनिया के तमाम केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरें बढ़ाई हैं।
बता दें कि मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली मीटिंग अप्रैल-2022 में हुई थी। तब RBI ने रेपो रेट को 4% पर स्थिर रखा था, लेकिन RBI ने 2 और 3 मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 0.40% बढ़ाकर 4.40% कर दिया था।
22 मई 2020 के बाद रेपो रेट में ये बदलाव हुआ था। महंगाई को काबू करने के लिए 6 से 8 जून को हुई मीटिंग में रेपो रेट में 0.50% इजाफा किया। इससे रेपो रेट 4.40% से बढ़कर 4.90% हो गई। फिर अगस्त में इसे 0.50% बढ़ाया गया, जिससे ये 5.40% पर पहुंच गई।
इसके बाद सितंबर में ब्याज दरें 5.90% हो गईं। फिर दिसंबर में ब्याज दरें 6.25% पर पहुंच गईं। इसके बाद वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग फरवरी में हुई, जिसमें ब्याज दरें 6.25% से बढ़ाकर 6.50% कर दी गई थीं।