होम / National Gopal Ratna Award : झज्जर के गांव खरमाण की रेनू सांगवान को मिलेगा राष्ट्रीय गोपाल रत्न अवॉर्ड, फूले नहीं समा रहे गांववासी

National Gopal Ratna Award : झज्जर के गांव खरमाण की रेनू सांगवान को मिलेगा राष्ट्रीय गोपाल रत्न अवॉर्ड, फूले नहीं समा रहे गांववासी

• LAST UPDATED : November 26, 2024
  • दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री ललन यादव और गृह मंत्री अमित शाह करेंगे सम्मानित

  • अवाॅर्ड से नवाजे जाने वाली रेनू होगी देश की पहली महिला पशुपालक

  • गो संरक्षण और गो संवर्धन को आगे बढ़ा रही रेनू

India News Haryana (इंडिया न्यूज), National Gopal Ratna Award : झज्जर के गांव खरमाण की रेनू सांगवान ने गोपालन में मिसाल कायम की है। इस उपलब्धि पर उन्हें राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर आज पूसा दिल्ली में राष्ट्रीय गोपाल रत्न अवाॅर्ड से नवाजा जाएगा। यह अवार्ड केंद्रीय कृषि मंत्री लल्लन यादव और गृह मंत्री अमित शाह उन्हें देंगे।

इतना ही नहीं, रेनू का मिलेनियम फार्मर ऑफ इंडिया अवाॅर्ड के लिए भी चयन हुआ है। रेनू ने महज 9 देसी गायों से गोपालन की शुरुआत की थी। गाय के दूध से बनने वाले घी का वे ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, जर्मनी, अमेरिका व फिलिपींस जैसे 12 देश में निर्यात भी करती हैं और मोटा मुनाफा कमाती है।

National Gopal Ratna Award : किसान परिवार से रखती हैं संबंध

झज्जर के गांव खरमाण की रेनू सांगवान बचपन से ही किसान परिवार से संबंध रखती हैं। 2016-17 में उन्होंने अपने पति कृष्ण पहलवान के साथ मिलकर 9 देसी गायों से गोपालन की शुरुआत की थी। आज उनके पास करीब 280 गोवंश है। उनके पास है गिर, थार पारकर, राठी, साहीवाल और देसी समेत विभिन्न तरह की उम्दा नस्लों की गायें।

2018 में उनके पति श्री कृष्णा पहलवान का स्वर्गवास हो गया था, जिसके बाद भी रेनू सांगवान ने हिम्मत नहीं हारी। पति की मौत के बाद उन्होंने अपने बेटे विनय को वेटरनरी डॉक्टर बनाया। अब मां-बेटे मिलकर गो संरक्षण और गो संवर्धन का कार्य कर रहे हैं।

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विदेशों में 3500 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाता है घी, डिमांड अधिक

रेनू सांगवान के बेटे डॉक्टर विनय सांगवान ने बताया कि अब उनके पास सर्वोत्तम नस्ल की 280 गायें हैं। जो प्रतिदिन करीब 800 लीटर से ज्यादा दूध का उत्पादन करती हैं। इस दूध को वह दिल्ली स्थित अपने प्लांट में बोतलों में भरकर राजधानी दिल्ली और गुरुग्राम में सप्लाई करते हैं। इतना ही नहीं, वैदिक बिलोना विधि से तैयार गाय के शुद्ध घी का भी उत्पादन किया जाता है। इस घी को वे ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, जर्मनी, अमेरिका और फिलिपींस जैसे 12 देश में निर्यात करते हैं, जहां करीब 3500 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से उनका घी बिकता है।

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महिलाओं को कभी भी हौसला नहीं हारना चाहिए : रेनू सांगवान

डाक्टर विनय का कहना है कि महज छोटे स्तर से उनके माता-पिता ने गाय पालकर दूध का उत्पादन करना शुरू किया था। अब मेहनत और लगन के सहारे वह गोपालन के क्षेत्र में खूब नाम कमा रहे हैं। रेनू सांगवान प्रदेश के साथ-साथ देशभर में गोपालन करके खूब नाम कमा रही हैं।

प्रदेश स्तर की कई प्रदर्शनियों में उनके गोवंश भी कई इनाम हासिल कर चुके हैं। उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनने का भी संदेश दिया है। रेनू सांगवान का कहना है कि महिलाओं को कभी भी हौसला नहीं हारना चाहिए। नेक नीयत, अच्छी सोच और हौसले के दम पर ही महिलाएं अच्छे मुकाम हासिल कर सकती हैं।

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