India News (इंडिया न्यूज़), Same Sex Marriage, नई दिल्ली: समलैंगिक विवाह यानी सेम सेक्स मैरिज मामले में केंद्र सरकार कमेटी बनाने को तैयार हो गई है। यह कमेटी समलैंगिक जोड़ों की समस्याओं का समाधान तलाशेगी। सरकार ने आज मामले से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में पैनल बनाने की बात कही। याचिका पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी और यह समलैंगिक जोड़ों की समस्याओं का हल खोजेगी।
तुषार मेहता ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने की मांग कर रहे याचिकाकर्ता से अपना सुझाव देने को भी कहा है, ताकि कमेटी इस पर ध्यान दे सके। बता दें कि इससे पहले, मामले में सुप्रीम कोर्ट में 25 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। उस दौरान शीर्ष कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने अहम टिप्पणी कर कहा था कि समलैंगिक विवाह को वैध बनाना इतना आसान भी नहीं है, जितना कि यह दिखता है। जजों ने कहा था कि इस मुद्दे पर कानून बनाने के लिए संसद के पास निर्विवाद रूप से विधायी शक्ति है और ऐसे में हमें इस पर विचार करना है कि हम इस दिशा में कितनी दूर तक जा सकते हैं।
देश के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा, अगर समलैंगिक विवाह की अनुमति दी जाती है, तो इसके परिणामी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इसकी न्यायिक व्याख्या, विशेष विवाह अधिनियम, 1954 तक ही सीमित नहीं रहेगी। इसके दायरे में व्यक्तिगत कानून भी चलन में आ जाएंगे। पीठ ने कहा कि शुरू में हमारा विचार था कि इस मुद्दे पर हम पर्सनल लॉ को नहीं छूएंगे, लेकिन बिना पर्सनल लॉ में परिवर्तन किए समलैंगिक शादी को मान्यता देना आसान काम नहीं है।
याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में 25 अप्रैल की सुनवाई के दौरान अपनी दलील पेश की थी। उन्होंने समलैंगिक विवाह के अधिकार को मान्यता देने का अनुरोध करते पीठ से कहा कि अदालत ऐसा कहकर कि वह इस मुद्दे पर कुछ नहीं कर सकती, अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती। उन्हें कुछ राहत तो देनी ही चाहिए।
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