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SC decision on old currency : पांच सौ और एक हजार के नोटों पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

• LAST UPDATED : March 22, 2023

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (SC decision on old currency): सुप्रीम कोर्ट ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए पांच सौ और एक हजार के नोटों पर किसी भी तरह के व्यक्तिगत मामले में सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। ज्ञात रहे कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में पांच सौ और एक हजार के नोटों को वित्तीय लेन देन से बाहर कर दिया था। बीआर गवई और विक्रम नाथ की पीठ ने हालांकि इसके लिए व्यक्तिगत याचिकाकर्ताओं को एक प्रतिनिधित्व के साथ सरकार से संपर्क करने की अनुमति दी।

शीर्ष अदालत ने मंगलवार को मामले पर सुनवाई के दौरान सरकार को 12 सप्ताह की अवधि के भीतर प्रतिनिधित्व तय करने और व्यक्तिगत शिकायतों पर विचार करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, संविधान पीठ के फैसले के बाद हमें नहीं लगता कि हमारे लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अलग-अलग मामलों में विमुद्रीकृत नोटों को स्वीकार करने के लिए हमारे अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने की अनुमति होगी।

हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र होंगे याचिकाकर्ता

पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई याचिकाकर्ता भारत संघ द्वारा की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है, तो वे संबंधित हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र होंगे। शीर्ष अदालत ने बहुमत के फैसले में सरकार के 2016 के 1,000 रुपए और 500 रुपए मूल्यवर्ग के नोटों के विमुद्रीकरण के फैसले को बरकरार रखा था।

पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा था कि केंद्र की निर्णय लेने की प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण नहीं हो सकती, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार के बीच परामर्श हुआ था। अदालत ने कहा कि 8 नवंबर, 2016 की अधिसूचना, जिसमें उच्च मूल्य के करेंसी नोटों को चलन से बाहर करने के फैसले की घोषणा की गई थी, को अनुचित नहीं कहा जा सकता है और निर्णय लेने की प्रक्रिया के आधार पर इसे रद कर दिया गया है।

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