India News (इंडिया न्यूज), Ram Mandir Pehowa, चंडीगढ़ : अयोध्या में जहां प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य मंदिर बनकर तैयार हो चुका है, वहीं कुरुक्षेत्र में भी इसको लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है। खासतौर से पिहोवा में जहां प्रभु श्रीराम का पूर्व से संबंध रहा है। पुराणों के अनुसार हरियाणा में श्री राम के पुरखों के नाम पर वर्तमान हरियाणा में एक नगर है, जिसका पौराणिक नाम पृथुदक है। लेकिन बाद में इसे पिहोवा का नाम दिया गया। मान्यता है कि प्रभु श्रीराम ने पिता दशरथ की मृत्यु के बाद यहां उनका श्राद्ध संस्कार किया था।
सरस्वती तीर्थ पुरोहित एवं इतिहासकार विनोद ने जानकारी देते हुए कहा कि पद्म पुराण में लिखा है कि प्रभू श्री राम कार्तिक मास की अमावस के बाद पहले शनिवार को प्राची तीर्थ पर आए थे और यहां सरस्वती नदी पूर्व वाहिनी होकर बहती है, इसलिए श्रीराम ने प्राची तीर्थ में स्नान कर पिता दशरथ का पिंडदान किया था। इस कर्म के बाद भगवान राम ने खिचड़ी के साथ उनका श्राद्ध कर्म पूर्ण किया।
पिहोवा के पवित्रतम सरस्वती तीर्थ सरोवर के तट पर पितरों के पिंडदान के लिए आज भी देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं। चैत्र चौदस को यहां भारी मेला लगता है। वामन पुराण के मुताबिक जो व्यक्ति सरस्वती के उत्तरी तट पर पिहोवा में जप करता हुआ अपना शरीर त्याग देता है, उसे निश्चित रूप से अमरत्व की प्राप्ति होती है।
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