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Slogans raised against Rahul in America: आखिर राहुल गांधी के कार्यक्रम में क्यों हुआ हंगामा, कांग्रेस से क्यों खफा है सिखों का एक बड़ा वर्ग 

  • जानिए विदेश में बैठे लोग ही क्यों उठाते हैं खालिस्तान की मांग

India News (इंडिया न्यूज), Slogans raised against Rahul in America, नई दिल्ली : गत दिवस जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अमेरिका में प्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे तो अचानक वहां हंगामा हो गया। कार्यक्रम के दौरान जब राहुल गांधी ने भारत जोड़ो के नारे लगाए तो अचानक वहां पर खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी शुरू हो गई। इस दौरान वहां पर खालिस्तानी झंडा भी फहराया गया। इस सबके चलते जहां राहुल गांधी थोड़े असहज दिखाई दिए वहीं भाजपा ने इसे एक बार फिर से 1984 के जोड़ते हुए बयानबाजी की।

आखिर क्यों है खालिस्तानी समर्थकों के बीच कांग्रेस को लेकर गुस्सा

यह पहला मौका नहीं था जब किसी कांग्रेसी नेता का इस तरह से खालिस्तान समर्थकों ने विरोध किया हो। दरअसल यह विरोध पिछले लगभग 4 दशक से जारी है। ज्यादात्तर लोग इस विरोध को जहां 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों के साथ जोड़कर देखते हैं वहीं खालिस्तानी समर्थक इस घटना से पहले इंदिरा गांधी द्वारा सिख धर्म के पूजनीय स्थल श्री दरबार साहिब अमृतसर व वहां मौजूद अकाल तख्त पर हुई सैनिक कार्रवाई से शुरू हुआ संघर्ष मानते हैं। जब इंदिरा गांधी ने देश की प्रधानमंत्री होने के चलते भारतीय सेना को दरबार साहिब पर हमला करने के आदेश दिए थे। जिसमें जरनैल सिंह भिंडरावाला सहित बहुत सारे सिख मारे गए थे और इसी के विरोध स्वरूप इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी।

पाकिस्तान सहित यूरोपीय देश है खालिस्तानी समर्थकों की शरण स्थली

हालांकि खालिस्तान की मांग भारत में एक अलग सिख देश के रूप में की जारी रही है लेकिन यह मांग भारत में नहीं बल्कि विदेशों में बैठे खालिस्तानी समर्थक करते हैं। इन लोगों के लिए पाकिस्तान के साथ-साथ कनाडा, अमेरिका, इंगलैंड, आस्ट्रेलिया और जर्मनी प्रमुख देश हैं। इन लोगों ने वहां पर राजनीतिक शरण हासिल की हुई है और वहां बैठ कर भारत में खालिस्तान संबंधी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

इन देशों से हो रही फंडिंग

भारत में खालिस्तान के नाम पर स्थिति खराब करने के लिए खालिस्तान के नाम पर काफी ज्यादा फंडिंग की जाती है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी सबसे ज्यादा फंडिंग करती है। इसके साथ ही तीन साल पहले एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि खालिस्तानी संगठन जैसे एसएफजे, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, बब्बर खालसा, खालिस्तान टाइगर फोर्स भारत में मौजूद कुछ एनजीओ को फंडिंग कर आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

ज्यादातर फंडिंग ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका, आॅस्ट्रेलिया, फ्रांस और जर्मनी से की गई थी। पिछले कुछ समय में यह भी सामने आया है कि कनाडा बैठा गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत में हर छोटी-बड़ी नापाक हरकत के पीछे बड़ा ईनाम घोषित कर रहा है जिससे भारत में सिख फॉर जस्टिस नामक उसके संगठन से काफी ज्यादा लोग जुड़ रहे थे।

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Harpreet Singh

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