इंडिया न्यूज, चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत को आखिर सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिल पाई। कोर्ट ने उन्हें रोडरेज मामले में एक वर्ष की सजा सुना दी है। मामला लगभग 34 साल पुराना है जब नवजोत सिद्धू और उनके दोस्त का पटियाला में एक र्पाकिंग को लेकर हुए विवाद में बुजुर्ग (65) की मौत हो गई थी। मालूम रहे कि सिद्धू को इस मामले में हाईकोर्ट से सजा हुई थी, लेकिन देश के शीर्ष कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या के आरोप को खारिज कर दिया था।
जानकारी के अनुसार 1988 में नवजोत सिद्धू का पटियाला में किए र्पाकिंग को लेकर विवाद इतना बढ़ गया था कि उसने बुजुर्ग गुरनाम सिंह (65) को मुक्का मार दिया था। जिसके बाद गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। तभी से मामला काफी विवादों में भी रहा था और कोर्ट में केस चल रहा था। पुलिस ने नवजोत और उनके दोस्त रुपिंदर के खिलाफ इस मामले में गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था।
सबूतों के अभाव के कारण सेशन कोर्ट द्वारा 1999 में नवजोत सिंह सिद्धू को बरी कर दिया था। इसके बाद पीड़ित पक्ष सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा था। साल 2006 में हाईकोर्ट ने इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को तीन साल कैद की सजा और एक लाख रुपए जुर्माना सुनाया था। ज्ञात रहे कि इस मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट ने सिद्दू को मात्र 1000 रुपए ही जुर्माना लगाया था और छोड़ दिया था लेकिन पीड़ित परिवार की दोबारा पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर कोर्ट ने आज एक वर्ष कारावास की सजा सुना दी।
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