India News Haryana (इंडिया न्यूज), Supreme Court Historic Verdict : निजी संपत्तियों को लेकर आज देश की शीर्ष कोर्ट यानी सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया है। जी हां, सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की बड़ी बेंच ने आज मंगलवार को अपने अहम फैसले में कहा कि सरकार सभी निजी संपत्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकती, जब तक कि सार्वजनिक हित ना जुड़ रहे हों।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 9 जजों की बेंच के मामले में बहुमत से अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने बहुमत से जस्टिस कृष्णा अय्यर के पिछले फैसले को भी खारिज कर दिया। जस्टिस अय्यर के पिछले फैसले में कहा गया था कि सभी निजी स्वामित्व वाले संसाधनों को राज्य द्वारा अधिग्रहित किया जा सकता है। इसमें कहा गया कि पुराना शासन एक विशेष आर्थिक और समाजवादी विचारधारा से प्रेरित था।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति के प्रत्येक संसाधन को समुदाय का भौतिक संसाधन नहीं माना जा सकता। 9 जजों की संविधान पीठ ने मंगलवार को 7-1 से यह फैसला दिया। जस्टिस बीवी नागरत्ना अपने साथी जजों से काफी हद तक सहमत नजर आईं लेकिन, जस्टिस सुधांशु धूलिया ने बाकी जजों से असहमति जताई।
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह मानना गलत हैं कि व्यक्ति के सभी निजी संसाधन समुदाय के भौतिक संसाधन हैं। SC ने कहा कि राज्य के बजाय समुदाय शब्द का प्रयोग कुछ निजी संसाधनों के उपयोग का संकेत देता है, सीजेआई ने कहा कि हम स्पष्ट करते हैं कि न केवल उत्पादन के साधन बल्कि सामान भी अनुच्छेद 39(बी) के दायरे में आते हैं।
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