India News (इंडिया न्यूज़), Supreme Court on Maharashtra Politics, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा न देते तो उनकी कुर्सी बच सकती थी। महाराष्ट्र में पिछले साल राजनीतिक उठापटक के साथ सत्ता परिवर्तन हुआ था और इसे जुड़े मामले में दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों उद्धव ठाकरे और राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाते वक्त यह टिप्पणी की।
शीर्ष अदालत ने मामला अब सात जजों की बड़ी पीठ को सौंप दिया है। जजों ने कहा कि अभी मसले पर कोई निर्णय लेना जल्दबाजी होगी, इसलिए इसे सात जजों की बड़ी पीठ को सौंपा जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले साल शिंदे व उनके गुट के कुछ विधायकों ने बगावत कर दी थी और उसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार गिर गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, उद्धव ठाकरे सरकार को वापस बहाल नहीं किया जा सकता है। अगर उद्धव इस्तीफा नहीं देते तो स्थिति आज कुछ और होती। बीते 16 मार्च को संविधान पीठ ने संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अंतिम सुनवाई 21 फरवरी को शुरू हुई थी और नौ दिन तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गई थीं। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के अंतिम दिन आश्चर्य व्यक्त किया था कि वह उद्धव सरकार को कैसे बहाल कर सकती है जबकि तत्कालीन सीएम ने सदन में बहुमत परीक्षण का सामना करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। उद्धव गुट ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि वह 2016 के अपने उसी फैसले की तरह उनकी सरकार बहाल कर दे, जैसे उसने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी की सरकार बहाल की थी।
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