India News Haryana (इंडिया न्यूज), Supreme Court on Quota: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य विधानसभा में घोषणा की कि अनुसूचित जातियों (SC) के भीतर उप-वर्गीकरण के लिए राज्य मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया फैसला अब प्रभावी हो गया है। इस फैसले के तहत अब हरियाणा में सरकारी नौकरियों में वंचित अनुसूचित जातियों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण और अन्य अनुसूचित जातियों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया गया है।
यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद लिया गया है, जिसमें राज्यों को आरक्षण के लिए अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण का संवैधानिक अधिकार दिया गया था। कांग्रेस ने इस फैसले का विरोध किया है। पार्टी की विधायक गीता भुक्कल ने विधानसभा में सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी नौकरियों में रिक्तियां नहीं भरी जा रही हैं और रोस्टर प्रणाली का पालन नहीं किया जा रहा।
इसके अलावा, उन्होंने छात्रवृत्तियों और वजीफों की भी कमी की शिकायत की। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार का यह निर्णय ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति पर आधारित है। वहीं, कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा। हुड्डा ने मंत्री कृष्ण कुमार बेदी को कहा कि उन्हें अपनी बात जिम्मेदारी से रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष का असली सवाल यह है कि सरकार को क्या नहीं कहना चाहिए, न कि यह कि सरकार क्या कह रही है।
इस बीच, भाजपा ने इस निर्णय को सरकार की पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के तौर पर पेश किया, जबकि कांग्रेस ने बेरोजगारी और किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरा। यह विवाद हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ लाता है, जहां आरक्षण और नौकरियों के मुद्दे पर दोनों दलों के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिल रहा है।