इंडिया न्यूज, News Delhi (Supreme Court on SYL Issue) : वर्षों से चला आ रहा बहुचर्चित सतलुज-यमुना नहर (एसवाईएल) मामला अभी भी थमा नहीं है। इस मामले को लेकर आज भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा सरकार पर सवाल उठाया और कहा कि हरियाण-पंजाब दोनों भारत के ही राज्य हैं और एसवाईएल के मामले में दोनों को ही बैठकर हल निकालना होगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पूरे मामले में केंद्र मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकता, इसे सुलझाने के लिए सरगरम भूमीका निभाने के निर्देश दिए गए है। वहीं इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 2 महीनों के अंदर हलफनामा मांगा है।
आपको बता दें कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में तत्कालीन कांग्रेस की सरकार थी। वहीं केंद्र में भी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अगुआई की कांग्रेस सरकार थी, जिन्होंने यह नहर बना पानी बांटने का फैसला किया था लेकिन वर्ष 1982 में विवाद उस समय बढ़ा, जब पटियाला के कपूरी में SYLनहर बनाने का उद्घाटन कर दिया गया।
1985 में राजीव लौंगोवाल समझौता भी हुआ, उसमें भी ट्रिब्यूनल बना, लेकिन नहर का मुद्दा हल नहीं हुआ। बताया गया है कि जिस समय नहर का निर्माण शुरू किया गया था तो तब इसके इंजीनियर्स का भी मर्डर कर दिया गया था, जिसके बाद इसका काम रुक गया। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।
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