India News (इंडिया न्यूज),Anand Mohan,दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार सरकार से आनंद मोहन की जल्द रिहाई के संबंध में मूल रिकॉर्ड पेश करने को कहा। आनंद को 1994 में जी. कृष्णैया और गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जस्टिस सूर्यकांत और जे.बी. पर्दीवाला की पीठ ने बिहार सरकार के वकील को मोहन को दी गई छूट से संबंधित मूल रिकॉर्ड अदालत में पेश करने का निर्देश जारी किया।
जी. कृष्णैया हत्याकांड के दोषी बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन को उम्रकैद में छूट देने के लिए बिहार सरकार ने प्रावधानों में कुछ बदलाव किया था, जिससे उनकी समय-पूर्व रिहाई हो गई। दिवंगत आईएएस की पत्नी उमा कृष्णैया ने छूट दिलाने के लिए प्रावधान बदलने के बिहार की नीतीश सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने अगली सुनवाई एक अगस्त को करने की तारीख दी है। कोर्ट ने कहा कि बिहार सरकार को आठ अगस्त को जवाब दाखिल कर देना है। इससे बाद इस नाम पर समय नहीं मिलेगा।
याचिका में कहा गया है कि मोहन राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति है और उसने विधायक रहते हुए जी कृष्णैया (आईएएस अधिकारी) की हत्या की है। उन्हें राजनीतिक समर्थन प्राप्त है और उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले लंबित हैं। इसके अलावा, बिहार जेल नियमावली, 2012 के नियम 481 (1) (सी) में दलील दी गई है कि जिन दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया है, वे सजा के 20 साल पूरे होने के बाद ही छूट के पात्र होंगे। 1994 में, जी कृष्णैया तेलंगाना के रहने वाले थे और भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डाला गया था जब उनके वाहन ने गैंगस्टर छोटन शुक्ला के अंतिम संस्कार के जुलूस को आगे निकलने की कोशिश की थी।
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