इंडिया न्यूज, Uttar Pradesh News (SYL Canal Dispute) : एसवाईएल को लेकर काफी समय से हरियाणा और पंजाब में विवाद चला आ रहा है जोकि अभी तक खत्म नहीं हुआ। पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद की वजह से सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर पर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। इस मुद्दे को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें केंद्र ने आरोप लगाया कि पंजाब इसमें सहयोग नहीं कर रहा। अप्रैल में पंजाब के सीएम को पत्र भेजा गया था, लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं दिया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय को कहा कि इस मुद्दे पर एक माह में पंजाब-हरियाणा से मीटिंग करें, जिसमें मुद्दे के हल पर विचार हो। जिसकी एक रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट में सौंपें। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 19 जनवरी, 2023 को होगी।
आपको बता दें कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में तत्कालीन कांग्रेस की सरकार थी। वहीं केंद्र में भी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अगुआई की कांग्रेस सरकार थी, जिन्होंने यह नहर बना पानी बांटने का फैसला किया था लेकिन वर्ष 1982 में विवाद उस समय बढ़ा, जब पटियाला के कपूरी में SYLनहर बनाने का उद्घाटन कर दिया गया।
1985 में राजीव लौंगोवाल समझौता भी हुआ, उसमें भी ट्रिब्यूनल बना, लेकिन नहर का मुद्दा हल नहीं हुआ। बताया गया है कि जिस समय नहर का निर्माण शुरू किया गया था तो तब इसके इंजीनियर्स का भी मर्डर कर दिया गया था, जिसके बाद इसका काम रुक गया। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।
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