इंडिया न्यूज, New Delhi (SYL Issue): सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) का मसला वर्षों से उलझा हुआ है जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी मामला चल रहा है। इसी मुद्दे पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ दिल्ली में बैठक की।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस बैठक में कोई सहमति नहीं बनी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा हुआ है कि एसवाईएल का निर्माण होना चाहिए, लेकिन पंजाब मुख्यमंत्री और अधिकारी इस विषय को एजेंडे पर ही लाने को तैयार ही नहीं हंै। वे एक तरफ पानी नहीं होने की बात कह रहे हैं और दूसरी ओर पानी के बंटवारे पर बात करने को कह रहे हैं जबकि ट्रिब्यूनल के हिसाब से जो सिफारिश होगी उसी के हिसाब से पानी बांट लेंगे।
वहीं मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी स्वीकार नहीं कर रही, जिसमें 2004 में पंजाब सरकार द्वारा लाए गए एक्ट को निरस्त कर दिया गया है। पंजाब के सीएम का कहना है कि 2004 का एक्ट अभी भी मौजूद है जो कि पूरी तरह से असंवैधानिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसवाईएल नहर बननी चाहिए और वो इस बारे में सुप्रीम कोर्ट को अवगत करवाएंगे। सुप्रीम कोर्ट को बताया जाएगा की पंजाब एसवाईएल नहर के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट जो निर्णय देगा वो हमें स्वीकार होगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट किया कि एसवाईएल हरियाणावासियों का हक है और उन्हें पूरी आशा है कि उन्हें उनका यह हक अवश्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लिए एसवाईएल का पानी अत्यंत आवश्यक है। अब इस मामले में एक टाइम लाइन तय होना जरूरी है, ताकि प्रदेश के किसानों को पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। सर्वविदित है कि सर्वोच्च न्यायालय के दो फैसलों के बावजूद पंजाब ने एसवाईएल का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया है।
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