इंडिया न्यूज, काबुल Taliban rule in Afghanistan : अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से ही यह उम्मीद लगाई गई थी कि वहां पर नागरिकों के अधिकारों का हनन होगा। लोगों को तालिबानी शासक अपने हिसाब से जिंदगी जीने पर विवश करेंगे। अब ऐसा ही वहां पर हो रहा है। तालिबानी शासक अपने राज के दौरान सबसे ज्यादा हनन महिला अधिकारों का कर रहे हैं। हालांकि इस बार जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया था तो उन्होंने यह कहा था कि वे अपने पुरानी सोच को लोगों पर नहीं थोपेंगे लेकिन हो इसके विपरित रहा है।
तालिबानी शासकों ने देश में जहां महिलाओं पर कड़े प्रतिबंध लगाए वहीं उन्होंने अपने फैसले महिलाओं पर थोपने के लिए मौलवियों का सहारा लिया। ताजा घटनाक्रम में तालिबान ने यह घोषणा की है कि कोई भी शिक्षक किसी भी स्तर पर किसी भी उम्र की लड़की को शिक्षा ग्रहण न करवाए। तालिबान के इस फैसले के खिलाफ हालांकि विरोध के सुर भी उठे हैं।
यूनिवर्सिटी छात्राओं ने इसके खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध जताया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, तालिबान ने लड़कियों के प्राथमिक स्कूलों में जाने पर रोक लगा दी है। शिक्षकों से कहा गया है कि वे अब किसी भी उम्र की लड़कियों को नहीं पढ़ा पाएंगे। शिक्षा मंत्रालय व शरिया कानून लागू करने वाले मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक में इस पर फैसला लिया गया।
सामाजिक कार्यकर्ता खदीजा का देश में तालिबानी शासन पर बोलते हुए कहा कि देश में जो विकास पिछले वर्षों में हुआ था उसपर अब अंकुश लग चुका है। महिलाओं सहित सभी को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश विकास के मामले में कई दशक पीछे चला गया है।
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