इंडिया न्यूज, नोएडा।
The foundation Stone Of the Country’s Largest Airport जेवर में गुरुवार को दोपहर बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया। बता दें कि 6200 हेक्टेयर में यह एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। यह प्रदूषण मुक्त और यूपी का पांचवां इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। पीएम ने एयरपोर्ट के शिलान्यास के बाद जनता को संबोधित भी किया। यूपी और देश के लोग गवाह हैं कि बीते कुछ समय में विपक्षियों ने कैसी-कैसी राजनीति हुई, लेकिन पूरे देश में विकास का पहिया घूमता रहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी की इंटरनेशनल एयर कनेक्टिविटी यूपी को नई पहचान दे रहा है।
आने वाले दो तीन साल में पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य बन जाएगा। पिछली सरकारों ने कैसे पश्चिमी यूपी के विकास को नजरअंदाज किया उसका एक उदाहरण जेवर एयरपोर्ट भी है। दो दशक पहले राज्य की भाजपा सरकार ने इसका सपना देखा, लेकिन बाद की सरकारों ने इसे फंसाए रखा। पीएम ने कहा कि पहले की सरकारें रेवड़ियों की तरह इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजक्ट की घोषणा कर देती थीं और कोई विचार नहीं करती थीं आखिर कैसे बनेगा। इसी वजह से लागत कई गुना बढ़ जाती थी और ठीकरा एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ा जाता रहा। लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। क्योंकि ये हमारे लिए राजनीति नहीं राष्ट्रनीति का एक बड़ा हिस्सा है।
हमारी कोशिश है कि प्रोजेक्ट लटके नहीं, भटके नहीं। तय समय पर काम पूरा हो, देरी होने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। किसानों की जमीन को लेकर जिस तरह की देरी होती थी, वो भी प्रोजेक्ट में देरी का कारण बनती थी। हमने किसान हित में, देश के हित में इन अड़चनों को भी दूर किया। पीएम ने कहा कि नोएडा पूरे उत्तर भारत का लॉजिस्टिक गेटवे बनेगा। आज जिस तेजी से एविएशन क्षेत्र में बढ़ोतरी हो रही है उनके लिए भी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बहुत बड़ी भूमिका होगी। यह एयरपोर्ट विमानों के रखरखाव, देखभाल व मेंटेनेंस का केंद्र बनेगा, जो देश-विदेश के विमानों को सेवा देगी और देश के युवाओं को रोजगार देगी।
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जेवर एयरपोर्ट पर 178 विमान खड़े होने की क्षमता होगी। इसके निर्माण में करीब 30 हजार करोड़ की लागत आएगी। पहले चरण में शुरू होने वाले एयरपोर्ट की क्षमता हर वर्ष 1.20 करोड़ यात्रियों की वार्षिक की होगी। दूसरा चरण 2031 तक कंपलीट होगा और तब एयरपोर्ट की क्षमता 3 करोड़ यात्रियों की हो जाएगी। 2036 में इसकी क्षमता पांच करोड़ और 2040 में 7 करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता का यह एयरपोर्ट हो जाएगा।