India News (इंडिया न्यूज),Supreme Court,दिल्ली : भोपाल से प्रेमी के साथ भागी युवती को मिल रही कथित धमकियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश तो दिया साथ ही नसीहत भी दी। अपने पिता और भाई पर टॉर्चर के आरोप लगाने वाली युवती ने जस्टिस बेला त्रिवेदी की बात नहीं सुनी तो उन्होंने कहा कि अपनी उम्र से ज्यादा “स्मार्ट मत बनो”! जिन पर तुम टॉर्चर करने का इल्जाम लगा रही हो वो तुमसे प्रेम करते हैं और उन्हें तुम्हारी चिंता है!
दरअसल भोपाल की एक युवती अपने घरेलू ड्राइवर के साथ भागकर उत्तर प्रदेश के वाराणसी और फिर दिल्ली आ गई।इसी बीच घर वालों ने ड्राइवर के खिलाफ अपहरण की एफआईआर दर्ज करा दी। घर वालों ने जो एफआइआर दर्ज कराई उसमें वाराणसी के मूल निवासी युवक पर इससे पहले भी दो लड़कियों को बरगला कर उनको भगाने यानी अपहरण की एफआइआर दर्ज होने का हवाला दिया गया है। इससे पहले आरोपी ड्राइवर की अग्रिम जमानत अर्जी भोपाल की जिला अदालत और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट में उसकी अर्जी लगाई जिस पर सुनवाई हो रही थी।
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की अवकाश कालीन पीठ में मामला सुनवाई के लिए आया। तभी एक वकील के मोबाइल पर वीडीओ कॉल आया। कॉल करने वाली युवती ने जज से बात कराने की गुजारिश की। कोर्ट को बताया गया। मोबाइल कोर्ट दिया गया। सवाल जवाब शुरू हुए।
युवती ने सीधे कहा कि वह वही लड़की है जिसके मामले की सुनवाई चल रही है। उसे अपने परिवार वालों से अपनी जान का खतरा है। जस्टिस त्रिवेदी ने पूछा कि आपको ये कैसे पता चला कि अभी आपके केस की सुनवाई चल रही है? युवती ने कहा कि उसके एक दोस्त ने बताया है।
युवती – वो मैं आपको ऐसे नहीं बता सकती। मेरी जान को घर वालों से खतरा है। लेकिन मैं इसी कोर्ट परिसर में मौजूद हूं। कोर्ट ने युवती की बताई निशानदेही पर उसे कोर्ट में बुलवाया। सादे लिबास में महिला पुलिसकर्मियों के साथ युवती को लाया गया। युवती कोर्ट रूम में आई तो जस्टिस त्रिवेदी ने पूछा कि आखिर मसला क्या है? युवती ने सीधे सीधे परिवार वालों पर आरोप लगाया कि वो उसे आगे पढ़ने नहीं दे रहे हैं। वो पढ़ना चाहती है तो घरवाले टॉर्चर करते हैं।
जस्टिस त्रिवेदी ने युवती को दिल्ली पुलिस के सुरक्षा घेरे में युवती की इच्छा के मुताबिक वाराणसी भेजने के इंतजाम करने का आदेश दिया। लेकिन कोर्ट में युवती और जस्टिस त्रिवेदी के बीच हुए संवाद ने सबका ध्यान खींचा। जब युवती ने अपने पिता और भाई पर टॉर्चर करने के इल्जाम लगाए तो जस्टिस त्रिवेदी के धैर्य का बांध भी टूट गया। उन्होंने कहा की बस करो! तुम अपनी उम्र से ज्यादा ओवर स्मार्ट बनने की कोशिश मत करो। जिसे तुम टॉर्चर कह रही हो वो उनकी चिंता और तुम्हारे प्रति प्रेम है। मुझे ये मामला गड़बड़ लगता है। आप जा सकती हैं! इसके बाद पुलिस सुरक्षा में युवती को कोर्ट से बाहर के जाया गया। युवक की अर्जी भी खारिज कर दी गई।
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