इंडिया न्यूज,नई दिल्ली:
कोरोना की महामारी के चलते दो साल से चारधाम की यात्रा पर रोक लगा दी गई थी। चारधाम की यात्रा शुरू होने पर लोगों में काफी उत्साह है। सरकार ने श्रद्धालुओं की संख्या तय कर दी है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए प्रदेश सरकार प्रतिदिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर इस विषय में आदेश जारी किए है। इस सीजन में श्रद्धालु 45 दिनों के लिए यात्रा कर सकते है। पिछले दो साल चारधाम यात्रा बंद होने के कारण इस बार ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इस महीने की आने वाली तीन मई को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री व यमुनोत्री धाम खुलने के साथ चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी। वहीं 6 मई से केदारनाथ और 8 मई से बदरीनाथ के दवार खुलने वाले है। इस मौके पर सचिव धर्मस्व हरिचंद्र सेमवाल ने चारधामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या तय करने के आदेश जारी किए हैं।
आपको बता दे की कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से संचालित हो रही है। इस ऐसा अनुमान है कि इस बार चारधामों यात्रा में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। चारधामों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने मंदिर परिसर की क्षमता और ठहरने की व्यवस्था के आधार पर दर्शन के लिए यात्रियों की अधिकतम संख्या तय की है।
चारधाम यात्रा के लिए अब तक काफी संख्या में श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा चुके है। बता दे की, केदारनाथ धाम में 12 हजार, बदरीनाथ में 15 हजार, गंगोत्री में 7 हजार, यमुनोत्री धाम में एक दिन में 4 हजार श्रद्धालुओं दर्शन कर पाएंगे। अब तक तीन से लेकर 31 मई तक चारधाम यात्रा के लिए 2.29 लाख से अधिक यात्री पंजीकरण करा चुके हैं।
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यात्रा मार्गों पर रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक वाहनों के आने पर आवागमन प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। जानकारी के लिए बता दे की यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए पर्यटन विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी होगा। यात्रा के दौरान कोरोना के चलते नियमों का पालन करना होगा।
धाम पंजीकरण
केदारनाथ 85456
बदरीनाथ 64157
गंगोत्री 39229
यमुनोत्री 39542
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से यात्रा के दौरान भारी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था को लेकर अनुरोध किया था। साथ ही में ये भी तया किया गया था की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को निर्धारित किया जाए।
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