India News (इंडिया न्यूज),’The Kerala Story’,पश्चिम बंगाल : द केरल स्टोरी’ पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा बैन लगाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा सवाल उठाया है कि जब फिल्म देश के दूसरे हिस्सों में शांति से चल रही है तो बंगाल में बैन क्यों लगाया गया है?
आखिर पश्चिम बंगाल सरकार फ़िल्म क्यों नहीं चलने देना चाहती जबकि दूसरे राज्यों की भगौलिक परिस्थितियां भी वैसी ही हैं जैसी पश्चिम बंगाल की है। लोग फिल्म देखना चाहते हैं या नहीं देखना चाहते तो ये उन पर छोड़ दें। सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल और तमिलनाडु को भी नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई 17 मई को होगी।
दरसअल ‘द केरल स्टोरी’ के निर्माता ने पश्चिम बंगाल में फिल्म पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को याचिका दाखिल की थी। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा द केरल स्टोरी फ़िल्म पर बैन लगाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी गयी है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को ‘द केरल स्टोरी’ फ़िल्म पर प्रतिबंध लगा दिया है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य सचिवालय में यह घोषणा की। ममता बनर्जी के आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी कश्मीर फाइल्स की तर्ज पर बंगाल में एक फिल्म की फंडिंग कर रही थी। बंगाल की मुख्यमंत्री ने राज्य के मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि फिल्म को राज्य में चल रहे स्क्रीन से हटा दिया जाए। ममता बनर्जी ने कहा कि निर्णय “बंगाल में शांति बनाए रखने” और घृणा अपराधों और हिंसा को रोकने के लिए किया गया है।
वही तमिलनाडु में थियेटर मालिकों ने ‘द केरला स्टोरी’ की स्क्रीनिंग नहीं करने का फैसला लिया। कई ऑनलाइन टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म ने पहले ही इसे चेन्नई में लिस्टिंग से हटा दिया है। थिएटर मालिकों ने मीडिया को बयान में कहा कि फिल्म के प्रदर्शन से मल्टीप्लेक्स में दूसरी फिल्मों पर असर पड़ सकता है। थिएटर ओनर्स एसोसिएशन के एक वरिष्ठ सदस्य ने लीगली स्पकिंग को बताया कि कानून और व्यवस्था की चिंताओं के कारण हमलोगों ने यह कदम उठाया है। मल्टीप्लेक्स में दिखाई जाने वाली अन्य फिल्में को भी इससे नुकसान होता जिस कारण यह फैसला लिया गया है।
द केरला स्टोरी’ फिल्म केरल में कथित धार्मिक धर्मांतरण के बारे में है और कैसे चरमपंथी इस्लामी मौलवी हिंदू और ईसाई महिलाओं को निशाना बना रहे हैं। फिल्म के अनुसार, इन महिलाओं को इस्लाम में परिवर्तित किया गया और फिर अफगानिस्तान, यमन और सीरिया जैसे देशों में स्थानांतरित कर दिया गया।