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TRAI’s New Rules ग्राहकों की बल्ले-बल्ले, दूरसंचार कंपनियों को देना होगा मुआवजा

• LAST UPDATED : August 3, 2024
  • नेटवर्क बाधित रहने पर दूरसंचार कंपनियों को देना होगा मुआवजा
  • ट्राई ने जुर्माना की राशि भी बढ़ाई, जुर्माना राशि को एक लाख कर दिया गया
  • ट्राई ने जारी किए नए गुणवत्ता सेवा नियम
  • 24 घंटे या 24 घंटे से अधिक सेवा बाधित रहने पर देना होगा जुर्माना

India News Haryana (इंडिया न्यूज़), TRAI’s New Rules : भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नए नियमों के तहत प्रत्येक क्वालिटी स्टैंडर्ड को पूरा करने में विफल रहने पर दंडात्मक राशि को डबल कर दिया गया है। अगर किसी मामले में फाइन पहले 50 हजार रुपए तय था, उसे एक लाख रुपए कर दिया गया है। भले ही टेलीकॉम कंपनियों ने टैरिफ में इजाफा कर आम लोगों को बड़ा झटका दिया हो, लेकिन एक महीने के बाद टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने मोबाइल यूजर्स की मौज करा दी है।

TRAI’s New Rules : सर्विस बाधित रहने पर कस्टमर्स को मुआवजा देने का प्रावधान

ट्राई ने नई सर्विस क्वालिटी स्टैंडर्ड को जारी किया है। जिसमें रेगुलेटर ने टेलीकॉम कंपनियों को जिला लेवल पर 24 घंटे से अधिक समय तक सर्विस बाधित रहने पर कस्टमर्स को मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। खास बात तो ये है कि अगर कोई कंपनी स्टैंडर्ड को पूरा नहीं करती है तो उस लगने वाले फाइन को भी डबल कर दिया गया है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ट्राई की ओर से किस तरह की जानकारी दी गई है।

दंडात्मक राशि को 50,000 रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए किया

मोबाइल टैरिफ में इजाफे के करीब एक महीने के बाद टेलीकॉम रेगुलेटर अब एक्शन मोड में आ गया है। ट्राई ने क्वालिटी स्टैंडर्ड को नए नियम जारी किए हैं। टेलीकॉम कंपनियों ने कहा है कि अगर किसी भी कंपनी की सर्विस 24 घंटे से ज्यादा बाधित रहती है या यूं कहें कि नेटवर्क नहीं आता है तो उस कंपनी को कस्टमर को मुआवजा देना होगा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नए नियमों के तहत प्रत्येक क्वालिटी स्टैंडर्ड को पूरा करने में विफल रहने पर दंडात्मक राशि को 50,000 रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया है।

विभिन्न पैमानों के लिए श्रेणीबद्ध जुर्माना प्रणाली शुरू

नियामक ने संशोधित नियमों ”पहुंच (वायरलाइन और वायरलेस) और ब्रॉडबैंड (वायरलाइन और वायरलेस) सेवा गुणवत्ता मानक विनियम, 2024” के तहत नियम उल्लंघन के विभिन्न पैमानों के लिए एक लाख रुपए, दो लाख रुपए, पांच लाख रुपए और 10 लाख रुपए की श्रेणीबद्ध जुर्माना प्रणाली शुरू की है। नए मानदंड तीन अलग-अलग विनियमों- बेसिक तथा सेल्युलर मोबाइल सेवाओं, ब्रॉडबैंड सेवाओं, और ब्रॉडबैंड वायरलेस सेवाओं के लिए सेवा की गुणवत्ता का स्थान लेते हैं।

प्राकृतिक आपदा के कारण दूरसंचार सेवाएं बाधित होने की स्थिति में यह राहत नहीं मिलेगी

गौरतलब है कि नए नियमों के तहत किसी जिले में नेटवर्क बाधित होने की स्थिति में दूरसंचार परिचालकों को पोस्टपेड ग्राहकों के लिए किराए में छूट देनी होगी, जबकि प्रीपेड ग्राहकों के लिए कनेक्शन की वैधता बढ़ानी होगी।

ट्राई ने कहा कि यदि कोई ऐसी नेटवर्क गतिरोध 24 घंटे से अधिक समय तक जारी रहता है, तो सेवा प्रोवाइडर अगले बिल में उसे जिले के रजिस्टर्ड ग्राहकों को छूट देगा, नियामक किराये में छूट या वैधता के विस्तार की गणना के लिए कैलेंडर दिवस में 12 घंटे से अधिक की नेटवर्क बाधा अवधि को एक पूर्ण दिन के रूप में गिनेगा, हालांकि, प्राकृतिक आपदा के कारण दूरसंचार सेवाएं बाधित होने की स्थिति में यह राहत नहीं मिलेगी।

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