India News (इंडिया न्यूज),Avulpalli Reservoir Project,दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन कर अवुलपल्ली जलाशय परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी देने लिए आंध्र प्रदेश पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक लगा दी है।
इस बीच, अपीलकर्ताओं द्वारा अधिकारियों के पास 25 करोड़ रुपये की राशि जमा करने के अधीन, दंड-मुआवजे के संबंध में दिए गए फैसले में दिए गए निर्देश पर रोक रहेगी। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने आठ सप्ताह की अवधि के भीतर सभी पक्षों को नोटिस भी जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो भी जुर्मना जमा करवाया गया है वो इस अपील पर अंतिम फैसले के अधीन होगा।
शीर्ष अदालत, आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एनजीटी के एक आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसने राज्य में अवुलपल्ली जलाशय को दी गई पर्यावरण मंजूरी को रद्द कर दिया था।
एनजीटी ने 11 मई को अवुलापल्ली संतुलन जलाशय के निर्माण के लिए राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआईएए) द्वारा दिए गए ईसी को रद्द कर दिया था।
एसईआईएए द्वारा दी गई पर्यावरण मंजूरी को चुनौती देने वाली किसानों की याचिका पर एनजीटी ने आदेश पारित किया था।
एनजीटी ने तीन महीने के भीतर कृष्णा नदी प्रबंधन बोर्ड को देय आंध्र प्रदेश पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा था, “यह बेहद परेशान करने वाला है कि एक सरकारी विभाग, पर्यावरण कानूनों के घोर उल्लंघन में, झूठ, गलतबयानी और एसईआईएए को धोखा देकर एक सिंचाई परियोजना को लागू करने के लिए इस हद तक जा सकता है।”
एनजीटी ने कहा था, “अगर कोई सरकारी विभाग उस स्तर तक गिर सकता है, जैसा कि मौजूदा मामले में है, तो व्यावसायिक लाभ वाली एजेंसी को हेर फेर करने से कौन रोक सकता है।”
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