इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Weather update 1 March ): इस साल सर्दियों में देश के मैदानी क्षेत्रों में औसत से काफी कम मात्रा में बारिश दर्ज की गई। देखा जाए तो उत्तर भारत में इस बार सर्दियां बिना बारिश के ही बीती हैं। इसका असर अब दिखाई दे रहा है। फरवरी में एक दम से तापमान काफी ज्यादा हो गया। औसत से ज्यादा गर्मी पड़ने से लोग परेशान होना शुरू हो गए हैं। दूसरी तरफ मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी से राहत मिलने की अभी कोई उम्मीद नहीं है।
इस साल फरवरी में गर्मी ने 146 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यदि यही हाल रहा तो इस बार गर्मी हम सभी को पहले से ज्यादा परेशान करेगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार इस महीने का औसत अधिकतम तापमान (29.54 डिग्री सेल्सियस) रहा जो अब तक का सबसे ज्यादा है। वहीं औसत न्यूनतम तापमान 1901 से लेकर अब तक का पांचवां सर्वाधिक रहा है।
आईएमडी का कहना है कि मार्च से मई के बीच भी देशभर के ज्यादातर हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फरवरी की गर्मी ने 17 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। 2006 के बाद दिल्ली में इस साल फरवरी सबसे ज्यादा गर्म रहा है।
मौसम विभाग के हाइड्रोमेट और एग्रोमेट एडवाइजरी सर्विसेज के प्रमुख एससी भान ने कहा है कि मार्च में लू की संभावना कम थी, लेकिन देश के ज्यादातर हिस्सों में अप्रैल-मई में गर्मी चरम पर पहुंच सकती है। उन्होंने कहा, भारत सहित पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग के दौर में रह रही है। भान ने कहा कि देश भर में वर्षा का औसत मार्च में सामान्य (लंबी अवधि के औसत का 83-117 प्रतिशत) रहने के आसार हैं। 1971- 2020 के आंकड़ों के आधार पर मार्च में पूरे देश में वर्षा का एलपीए लगभग 29.9 मिमी है।