होम / Weather Update Punjab 10 May : पंजाब तक हो सकता है चक्रवाती तूफान मोचा का असर, जानिए कैसे पड़ते हैं इनके नाम, कब आया था भारत में सबसे तेज तूफान

Weather Update Punjab 10 May : पंजाब तक हो सकता है चक्रवाती तूफान मोचा का असर, जानिए कैसे पड़ते हैं इनके नाम, कब आया था भारत में सबसे तेज तूफान

• LAST UPDATED : May 10, 2023
  • मौसम विभाग ने जताई संभावना हवा की दिशा बदलने से मिलेगी गर्मी से राहत

India News (इंडिया न्यूज), Weather Update Punjab 10 May, चंडीगढ़ : बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान का असर पंजाब तक देखा जा सकता है। मौसम विभाग ने ऐसी संभावना जताते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में पंजाब में एक बार फिर से बारिश का दौर शुरू हो सकता है जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए चंडीगढ़ मौसम विभाग केंद्र के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि तूफान के असर से हवाओं का पैट्रर्न बदल जाएगा।

उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलेंगी और यह हवाएं क्योंकि ज्यादा गर्म नहीं होती हैं, इसलिए फिलहाल तापमान ज्यादा नहीं बढ़ेगा। इससे आने वाले दिनों में लोगों को भीषण गर्मी से निजात मिलेगी। चक्रवात के असर के चलते पंजाब में 13 मई से एक नए पश्चिमी विक्षोभ का भी असर दिखेगा। इसके चलते 13 व 14 मई को प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। इससे पारे में 1 से 2 डिग्री की गिरावट देखने को मिलेगी।

देश में ज्यादात्तर चक्रवात बंगाल की खाड़ी में बनते हैं

यदि भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा की हमारे देश में आने वाले ज्यादात्तर चक्रवात बंगाल की खाड़ी में आते हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, हिंद महासागर में हर साल आने वाले औसतन 5 साइक्लोन में से 4 बंगाल की खाड़ी और केवल एक अरब सागर में आता है। इसकी प्रमुख वजह ये है कि बंगाल की खाड़ी के समुद्र के पानी की तुलना में अरब सागर के पानी का तापमान कम रहता है, इसीलिए बंगाल की खाड़ी में ज्यादा साइक्लोन बनते हैं।

चक्रवातों के नाम कैसे रखे जाते हैं?

जब भी कोई चक्रवाती तूफान आता है तो मौसम विभाग द्वारा उसका एक नाम रखा जाता है। इसका नाम मौसम विज्ञानिक रखते हैं। बहुत सारे लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर चक्रवाती तूफान के नाम के पीछे की क्या वजह है तो हम आपको बता दें चक्रवाती तूफान का नाम रखने की परंपरा बहुत पुरानी है। यहां तक जो तथ्य इतिहास में मिलते हैं उनके अनुसार 18वीं सदी से पहले भी चक्रवाती तूफानों के नाम रखे जाते थे। उस समय इनके नाम कैथोलिक संतों के नाम पर रखे जाते थे। 19वीं सदी में साइक्लोन के नाम महिलाओं के नाम पर रखे जाने लगे। 1979 से इन्हें पुरुष नाम भी देने का चलन शुरू हुआ।

वर्तमान में इस ये संगठन रखते हैं चक्रवाती तूफान का नाम

2000 से विश्व मौसम संगठन और यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक एंड सोशल कमिशन फॉर द एशिया पैसेफिक यानी ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के तूफानों के नामकरण का मेथेड शुरू किया।वर्तमान में साइक्लोन के नाम रखने का काम दुनिया भर में मौजूद छह विशेष मौसम केंद्र यानी रीजनल स्पेशलाइज्ड मेट्रोलॉजिकल सेंटर्स और पांच चक्रवाती चेतावनी केंद्र यानी ट्रॉपिकल साइक्लोन वॉर्निंग सेंटर्स यानी करते हैं। भारतीय मौसम विभाग भी इन सदस्यों में शामिल है, जो चक्रवात और आंधी को लेकर एडवायजरी जारी करता है।

भारत में 1970 में आया था सबसे तेज चक्रवात

भारत में सबसे तेज साइक्लोन 1970 में आया भोला साइक्लोन था। ये भारत ही नहीं दुनिया का सबसे घातक साइक्लोन था। इसने भारत के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश (तब पूर्वी पाकिस्तान) में भारी तबाही मचाई थी, जिसमें 3-5 लाख लोगों की मौत हुई थी। वर्तमान में जो चक्रवात बंगाल की खाड़ी में सक्रिय हुआ है और जिसका नाम मोचा रखा गया है। यह भी काफी खतरनाक दिखाई दे रहा है। मौसम विभाग के अनुसार इस दौरान प्रभावित क्षेत्रों में न केवल 130 किलोमीटर की गति से तेज हवाएं चलेंगी बल्कि भारी से बहुत भारी बारिश भी होगी।

Connect With Us : Twitter, Facebook

Tags: