India News, इंडिया न्यूज, Wrestler Protest, नई दिल्ली : पहलवान अब अपने ही घेरे में फंसते जा रहे हैं, क्योंकि जिस कथित नाबालिग लड़की के यौन शोषण को मुद्दा बनाकर इतना बड़ा बवाल दिल्ली में किया गया है अब उस मामले में लड़की के चाचा ने आरोपों से एकदम उलट तथ्य सामने रखे हैं। इस मामले में लड़की के चाचा ने साफ कहा कि रोहतक निवासी उनकी भतीजी नाबालिग नहीं है और उसे बरगलाने के बाद भाजपा सांसद के खिलाफ मोहरा बनाया गया। इतना ही नहीं चाचा ने यह भी कहा कि भतीजी के बालिग होने के सबूत भी मेरे पास हैं।
जानकारी के अनुसार रोहतक में प्रेसवार्ता में कथित नाबालिग पहलवान के चाचा ने आरोप लगाया कि उत्पीड़न का आरोप लगाकर दिल्ली में प्रदर्शन करने वाले कुछ खिलाड़ी एक बड़ी साजिश कर रहे हैं। ये खिलाड़ी महिलाओं के कानून और पॉक्सो एक्ट का गलत प्रयोग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि उनके बड़े भाई को बरगलाया गया और भतीजी को भी इस मामले में गलत ढंग से उपयोग किया है।
वहीं लड़की के चाचा ने कहा कि खिलाड़ियों को साफ कह डाला की यह पॉक्सो का मामला नहीं है क्योंकि उनकी भतीजी बालिग है। दूसरी बात अगर हमारे घर की बेटी के साथ कुछ गलत हो जाता तो हमारा परिवार चुप बैठने या मामले को छिपाने के बजाय आर-पार की लड़ाई लड़ता।
इतना ही नहीं, पहलवान लड़की के चाचा ने कहा कि भतीजी को इस मामले में घसीटे जाने की जानकारी परिवार को 10 दिन पहले उस दौरान मिली, जब दिल्ली पुलिस छानबीन करने रोहतक आई थी। इस दौरान पुलिस ने भतीजी के मरने का प्रमाण पत्र दिखाया तो सब अच्ंभे में रह गए क्योंकि भतीजी सही सलामत है। यह प्रमाण पत्र पंजाब से बना बताया गया। इससे साबित होता है कि पंजाब के कुछ पहलवान इस साजिश में शामिल हैं। इसमें ऐसे में अब एक बड़े षड्यंत्र की बू आ रही है।
आपको बता दें कि भारतीय पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। इस कारण पहलवान 18 जनवरी को पहली बार दिल्ली जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। इस दौरान खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने भी पहलवानों के साथ बातचीत की थी जिस पर आश्वासन मिलने के बाद 21 जनवरी के दिन धरने को खत्म कर दिया गया था। तदोपरांत बृजभूषण सिंह को कुश्ती संघ के कामकाज से अलग कर दिया गया और उनके खिलाफ लगे आरोपों पर जांच के लिए एक समिति गठित कर दी गई।
हालांक गठित जांच समिति ने अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट जारी कर दी थी लेकिन पहलवानों का कहना था कि रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। ऐसे में पहलवान 23 अप्रैल को फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। धरने के दौरान ही आखिर पहलवान सुप्रीम कोर्ट चले गए। कोर्ट के कहने के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की जिसमें एक एफआईआर पाक्सो एक्ट के तहत दर्ज की गई थी।
उधर बृजभूषण स्वयं को पाक साफ बताते आ रहे हैं।
उनका कहना है कि उन पर लगाए सभी आरोप निराधार हैं। एक षड्यंत्र के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है। इसी बीच गत दिनों 28 मई के दिन नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान पहलवानों ने मार्च करने की प्रयास किया तो पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में ले लिया और उन्हें जंतर मंतर धरना स्थल से हटा दिया। इस दौरान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट सहित 700 लोगों पर केस दर्ज कर लिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित पहलवानों ने शिकायत में कहा कि आरोपी बृजभूषण ने सांस लेने के पैटर्न के बहाने उनके पास पहुंचे और उन्होंने उनकी छाती, जांघ, कंधे को पेट टच किया। एफआईआर में दूसरा आरोप है 2016 में टूर्नामेंट के दौरान बृजभूषण शरण सिंह एक रेस्तरां में था। जहां कथित तौर पर उन्होंने उसके पेट और की छाती को छुआ। जिसके कारण महिला काफी सदमे में रही। वहीं एक महिला रेसलर ने शिकायत में कहा कि 2019 में वह एक टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही थी तो बृजभूषण सिंह ने उसकी छाती और पेट पर हाथ लगाकर उसका शोषण किया। एफआईआर में एक महिला रेसलर ने यह भी बताया कि 2018 में सांसद ने उसे काफी देर तक कसकर गले लगाए रखा। उसने खुद को बृजभूषण के चंगुल से छुड़ाया।
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