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South Korea Marshal Law: दक्षिण कोरिया का हाल हुआ बेहाल, जनता ने किया मार्शल लॉ को खारिज, सेना ने की सारी हदें पार

• LAST UPDATED : December 4, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), South Korea Marshal Law: इस समय दक्षिण कोरिया में तबाही का मंजर बना हुआ है। जहाँ एक तरफ सत्ता देश पर कंट्रोल बनाने में लगी हुई है वहीं दूसरी तरफ विपक्ष और जनता सत्ता के खिलाफ जाकर सड़कों पर उतर आई। दरअसल, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने मंगलवार को देश में ‘आपात मार्शल लॉ’ लगा दिया था। लेकिन सरकार को 6 घंटे बाद ही अपना फैसला लेना पड़ा। आपको बता दें राष्ट्रपति के इस फैसले ने कोरिया क जनतामे आक्रोश पैदा कर दिया जिसके बाद इस फैसले का काफी विरोध भी हुआ। सूत्रों के मुताबिक सुबह 4:30 बजे राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति यून सुक येओल ने कहा,’नेशनल असेंबली से आपातकाल हटाने की मांग की गई और हम असेंबली के अनुरोध को कबूल करते हुए फैसला वापस ले रहे हैं। साथ ही तैनात सेना को वापस बुला लिया है।

  • साउथ कोरिया को क्यों लेना पड़ा फैसला वापस?
  • सेना हुई बेकाबू

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साउथ कोरिया को क्यों लेना पड़ा फैसला वापस?

मार्शल लॉ लगाने के बाद राष्ट्रपति ने कुछ ही देर बाद ये आदेश वापस ले लिया। मार्शल लॉ लगते ही सेना बेकाबू हो गई और सेना ने संसद में घुसने का प्रयास किया लेकिन सांसदों के भारी विरोध के बाद संसद के स्पीकर ने इसे अमान्य करार दिया। फिर लगभग आधी रात सांसदों की इसपर बहस चली और फैसला वापस लेने के समर्थन में वोटिंग भी हुई। आपको बता दें, दक्षिण कोरियाई कानून के मुताबिक अगर संसद बहुमत से मांग करती है तो राष्ट्रपति को तुरंत मार्शल लॉ हटाना होगा। राष्ट्रपति के इस फैसले के बाद लोग सड़कों पर उतर आए थे और सरकार के खिलाफ आक्रोशित होकर जमकर नारेबाजी की गई। इतना ही नहीं उनकी पार्टियों के ही लोगों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया था।

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सेना हुई बेकाबू

मार्शल लॉ के नियमों के तहत, राजनीतिक और संसदीय गतिविधियों को निलंबित किया जाना था, बिना वारंट के गिरफ़्तारी की जा सकती थी और असहमति पर सख्त पाबंदियां लगाई जा सकती थी। लेकिन उस दौरान कई लोगों ने इस कदम को असंवैधानिक और लोकतांत्रिक ढांचे के खिलाफ बताया। इसलिए ऐलान के लगभग 6 घंटे बाद सियोल में नेशनल असेंबली के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, साथ ही प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों के साथ झड़प की और मार्शल लॉ वापस लेने और राष्ट्रपति की गिरफ्तारी की भी मांग की।

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